महोबा के मैदानी हिस्से में भी इंसान ने बनाया था ठिकाना, छह हजार साल पहले पहाड़ों को छोड़कर यहां बसने के मिले निशान

अब राठ मुस्करा क्षेत्र में भी टीम को कई महत्वपूर्ण चीजें मिली हैं। विश्लेषण के आधार पर पूर्व में जिले का काफी हिस्सा जलमग्न रहने का अनुमान है। उस समय इंसान के कुलपहाड़ जैतपुर क्षेत्र के पठारी हिस्सों में रहने की बात पता चली है।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 09:15 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 09:15 PM (IST)
महोबा के मैदानी हिस्से में भी इंसान ने बनाया था ठिकाना, छह हजार साल पहले पहाड़ों को छोड़कर यहां बसने के मिले निशान
नदियों और झरनों के निकट उसने अपना ठिकाना बनाया था

कानपुर, जेएनएन। छह हजार साल पहले पहाड़ों को छोड़कर महोबा के मैदानी हिस्से में इंसान के ठिकाना बनाने के निशान भी पुरातत्व विभाग के सर्वेक्षण में मिले हैं। उस समय पहाड़ों को छोड़कर इंसान ने पानी में डूबे रहने वाले महोबा के पठारी इलाके की ओर रुख कर लिया था। यहां नदियों और झरनों के निकट उसने अपना ठिकाना बनाया था।

क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. एसके दुबे के अनुसार, वर्ष 2017 से जिले में सर्वेक्षण में जुटी पुरातत्व विभाग की टीम को कई चौंकाने वाले प्रमाण मिले हैं। सरीला व गोहांड विकासखंड क्षेत्र में सर्वेक्षण के दौरान टीम को तीन सौ साल पहले तक सती प्रथा के प्रमाण मिले थे। अब राठ, मुस्करा क्षेत्र में भी टीम को कई महत्वपूर्ण चीजें मिली हैं। विश्लेषण के आधार पर पूर्व में जिले का काफी हिस्सा जलमग्न रहने का अनुमान है। उस समय इंसान के कुलपहाड़, जैतपुर क्षेत्र के पठारी हिस्सों में रहने की बात पता चली है। बाद में सभ्यता का विकास होने पर उन्होंने खेती करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों का रुख कर लिया था।

मिले नवपाषाण काल के औजार और पुराने स्थल : डॉ. दुबे ने बताया, मुस्करा क्षेत्र में खोदाई में करीब छह हजार वर्ष पुराने पत्थर के औजारों के साथ ही अन्य पुरातात्विक महत्व के स्थल मिले हैं। ग्राम अलरागौरा में जैन तीर्थंकर की पत्थर निर्मित पद्मासनस्थ टूटी प्रतिमा, ग्राम ऐझीं में पूर्व मध्यकालीन पत्थर निर्मित अस्पष्ट प्रतिमाओं के टूटे हिस्से, उत्तर मध्यकालीन तालाब और ईंटों से निर्मित मंदिर मिला है। ग्राम इमिलिया में उत्तर मध्यकालीन भव्य मंदिर व भगवान गणेश की पत्थर निर्मित प्रतिमा, ग्राम उमरी में पूर्व मध्यकालीन पत्थर की प्रतिमाओं के टूटे हिस्से व ईंटों से निर्मित उत्तर मध्यकालीन का भव्य मंदिर खंडित स्थिति में मिला है। ग्राम कंधौली में पूर्व मध्यकाल में पत्थर निर्मित विष्णु प्रतिमा का टूटा हिस्सा, उत्तर मध्यकालीन सतीपट्ट, ग्राम करगांव में प्राचीन टीला मिला है। इसी तरह कैमोखर, टीहर, खड़ेही लोधन, गहरौली, गुंदेला, चिल्ली समेत कई गांवों में पुरातत्व महत्व की चीजें मिली हैं।  

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