दो आरोपितों को 20 साल और एक को इस जुर्म में मिली दस वर्ष की कैद
विशेष लोक अभियोजक पुष्पेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी युवक ने 19 अगस्त 2017 को पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि उसकी 15 वर्षीय पुत्री व उसकी 15 वर्षीय सहेली 17 अगस्त 2017 की सुबह साढ़े सात बजे घर
कानपुर, जेएनएन। तीन साल पहले हुए दो नाबालिग छात्राओं के अपहरण और दुष्कर्म मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश, पाक्सो अधिनियम संतोष कुमार यादव ने चार लोगों को दोषी ठहराया। दो आरोपितों को 20 साल, एक को 10 साल व महिला को पांच साल की सजा सुनाई गई है। सभी पर अलग-अलग अर्थदंड भी लगाया गया है।
विशेष लोक अभियोजक पुष्पेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी युवक ने 19 अगस्त 2017 को पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि उसकी 15 वर्षीय पुत्री व उसकी 15 वर्षीय सहेली 17 अगस्त 2017 की सुबह साढ़े सात बजे घर से आटो से राजकीय बालिका इंटर कालेज जा रही थीं। स्कूल गेट के बाहर से ही गांव के अनील उर्फ अनिल पुत्र हल्कू अहिरवार, ग्र्राम प्रधान संतोष पुत्र श्रीपत धोबी, राहुल पुत्र करिया वहां दो बाइक लिए खड़े थे। अनील ने उनकी पुत्री को बाइक पर जबरन बैठा लिया। उसी के साथ आटो चालक नंदू पुत्र नीलकंठ भी बैठ गया।
संतोष ने दूसरी बाइक पर बेटी की सहेली को बैठा लिया और भाग निकले। इसमें मोहिनी नामक महिला ने भी उनकी मदद की। पुलिस ने बेटी को ढूंढ़ा और उसके बयान दर्ज कराए। इसके बाद दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट की धाराएं बढ़ाई गईं। अपर सत्र न्यायाधीय/विशेष न्यायाधीश, पाक्सो अधिनियम संतोष कुमार यादव की अदालत में मामले की सुनवाई चल रही थी। मंगलवार को अदालत ने अनील उर्फ अनिल अहिरवार को 10 वर्ष सश्रम कारावास व 13 हजार रुपये अर्थदंड, संतोष को 20 वर्ष कैद व 18 हजार जुर्माना, नंदू उर्फ नंदराम को 20 वर्ष कारावास व 30 हजार का जुर्माना जबकि मोहिनी को पांच वर्ष कैद व 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न भरने पर संतोष व नंदू को छह-छह माह, अनिल व मोहिनी को तीन माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।