महोबा कांड : एसआइटी की 56 घंटे की पूछताछ.., सामने आ गई पल-पल की कहानी
एसआइटी की जांच बालकिशोर पुरुषोत्तम ब्रजेश सहित पांच लोगों पर आकर टिक गई थी अब पूछताछ के बाद खजुराहो के होटल में इंद्रकांत से मिलने से लेकर उनके घायल होने तक का पूरा घटनाक्रम सामने आ गया है।
महोबा, जेएनएन। कबरई के व्यापारी प्रकरण में एसआइटी ने जांच इस निष्कर्ष पर खत्म कर दी कि व्यापारी इंद्रकांत को लगी गोली उनकी पिस्टल से ही चली थी। सात दिन की जांच के अंतिम दौर के 56 घंटे ऐसे थे, जिसमें एसआइटी को पल-पल की कहानी पता चली, खुद इंद्रकांत के दोस्तों-साझीदारों और रिश्तेदार की जुबानी। बहुत सी बातें ऐसी थीं जो पुलिस के डर और बेवजह परेशान किए जाने की आशंका से नहीं बताई गई थी। आखिर मोबाइल फोन की लोकेशन सामने रखे जाने पर सबकुछ एसआइटी को बताना पड़ा।
लगातार 56 घंटे की वो पूछताछ सिर्फ इंद्रकांत के करीबियों पर ही आकर केंद्रित हो गई थी। इनमें दोस्त एवं साझीदार बालकिशोर और पुरुषोत्तम सोनी, सत्यम और उसके पिता अर्जुन सिंह, साला ब्रजेश शुक्ला थे। इनमें कई चक्र में पूछताछ चली। बालकिशोर द्विवेदी ने बताया था कि सात सितंबर को ही रात करीब साढ़े 10 बजे इंद्रकांत से मुलाकात हुई थी। कहा, इंद्रकांत बचपन का मित्र था। इससे वह उसकी आदतों से भी परिचित थे।
सात सितंबर को ऑडियो-वीडियो वायरल करने के बाद इंद्रकांत ने फोन स्विच ऑफ कर लिया तो वह तथा ब्रजेश शुक्ल तलाश में निकले थे। छतरपुर होते हुए खजुराहो पहुंचे तो उस होटल में ढूंढऩे गए, जहां खजुराहो आने पर वे सब ठहरते थे। होटल झंकार के मैनेजर से जानकारी पर वह और ब्रजेश कमरे में गए तो देखते ही इंद्रकांत नाराज हो गए। बोले कि तुम लोगों की लोकेशन लेकर मणिलाल पाटीदार मुझे पकड़ लेगा। तुरंत यहां से चले जाओ। काफी समझाने के बाद भी 10 मिनट भी नहीं रुकने दिया। उस दिन बालकिशोर छतरपुर के लौड़ी कस्बे में अपने रिश्तेदार के यहां यह सोच कर रुक गए कि सुबह इंद्रकांत को मना ले जाएंगे।
आठ सितंबर को सुबह आठ बजे ब्रजेश शुक्ला फिर खजुराहो जाकर इंद्रकांत से मिला तो उन्होंने उसे डांटकर कहा कि तुम लोग मुझे पकड़वा दोगे। यह कहकर उसे भगा दिया कि आज यानी आठ या नौ सितंबर को लौट आऊंगा। इसके बाद बालकिशोर और ब्रजेश दो बजे के करीब खजुराहो होटल पहुंचते हैं तो पता चलता है कि इंद्रकांत वहां से चले गए हैं। उनका फोन लगातार बंद बताता रहा। खजुराहो से लौटकर एक गाड़ी खड़ी कर दूसरी गाड़ी से बालकिशोर और ब्रजेश छतरपुर चल देते हैं तभी बमीठा के पास फोन पर इंद्रकांत के घायल होने की सूचना मिली।
बालकिशोर अपने मित्रों व परिजन को फोन से देकर घायल व्यापारी की मदद के लिए कहते हैं। एसआइटी ने बालकिशोर व ब्रजेश के बयानों की पुष्टि के लिए छतरपुर के रिश्तेदार चिंताहरण को भी बुलाया था। बयानों को आधार बनाकर एसआइटी राजफाश के करीब पहुंची।