Mahoba corruption Case: क्रशर कारोबारी की पिस्टल घर पर मिली, एसआइटी को सौंपी
घर में साफ-सफाई के बीच पिस्टल कपड़ों में दबी मिली अब फोरेंसिक टीम फायरिंग की स्थिति पता करने के लिए जांच करेगी।
महोबा, जेएनएन। क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पीछे से गोली मारे जाने के बाद अब उनकी पिस्टल घर पर ही मिलने की जानकारी सामने आई है। घटनास्थल पर कोई हथियार नहीं मिला था जबकि पिछली सीट पर गोली धंसी मिली थी। घर की सफाई के दौरान मिली पिस्टल स्वजन ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) के सिपुर्द कर दी। अब टीम उसकी फॉरेंसिक जांच कराएगी कि उससे कितने दिन से फायर हुआ या नहीं। इसके बाद ही आगे जांच की दिशा तय होगी।
वीडियो वायरल कर तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर रंगदारी मांगने का आरोप लगाने वाले कारोबारी अगले दिन गोली लगने से घायल कार में मिले थे। कानपुर के रीजेंसी हॉस्पिटल में कई दिन इलाज के बाद उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में दर्ज हुआ जानलेवा हमले का मुकदमा हत्या में तरमीम हो गया था। डीजीपी ने आइजी जोन वाराणसी विजय सिंह मीणा, डीआइजी शलभ माथुर व एसपी अशोक कुमार त्रिपाठी की टीम को जांच में लगाया है। उनकी पूछताछ में कारोबारी के स्वजन ने पूछताछ में पिस्टल गायब किए जाने का अंदेशा जताया था।
कारोबारी के भाई रविकांत व भतीजे शरद त्रिपाठी को एसआइटी ने शनिवार दोपहर एक बजे बुलाया था। टीम से मिलकर लौटे रविकांत ने बताया कि भाई के पास पिस्टल थी। वह कभी-कभी पिस्टल साथ लेकर जाते थे। वह होलेस्टर की बजाय कमर में खोंस लेते थे। पैंट के साथ पिस्टल रखने से बाहर से पिस्टल होने का पता नहीं चलता था। यही कारण था कि सात सितंबर को जब इंद्रकांत घर से निकले थे तो उनकी पत्नी को पता नहीं चला कि वह पिस्टल लिया या नहीं। इधर आठ सितंबर को गोली लगने के बाद सभी उनके इलाज में व्यस्त रहे।
वहीं 13 सितंबर को उनकी मृत्यु होने के बाद पूरा घर अस्त-व्यस्त रहा। बीते गुरुवार को अस्थि विसर्जन और बाद में शुद्धता होने के बाद घर की साफ सफाई में पिस्टल कपड़ों के बीच दबी मिली। वह एसआइटी को सौंप दी है। विवेचना अधिकारी सीओ कुलपहाड़ राजकुमार पांडेय ने बताया कि कारोबारी के स्वजन पिस्टल एसआइटी को दे गए हैं। पहले उसके लापता होने की बात कही जा रही थी। अब पिस्टल फॉरेंसिक जांच के लिए भेजकर पता कराएंगे कि उससे गोली कबसे नहीं चली। घटनास्थल पर शस्त्र न मिलने के बाबत उन्होंने कहाकि एसआइटी जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।