Mahoba Corruption Case: एडीजी ने किया दावा, क्रशर व्यापारी को उनकी ही पिस्टल से लगी थी गोली

एडीजी ने बैलेस्टिक रिपोर्ट और खोखे के मिलान के हवाले से किया दावा कहा- चलती रहेगी जांच व्यापारी को आगे से ही गोली लगी थी घटना के दिन ही घर पहुंचाई गई पिस्टल तत्कालीन एसपी ने आरोपों का खंडन करके इंद्रकांत को जुए व सट्टे का व्यापारी बताया था

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 01:54 AM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 07:37 AM (IST)
Mahoba Corruption Case: एडीजी ने किया दावा, क्रशर व्यापारी को उनकी ही पिस्टल से लगी थी गोली
दिवंगत कारोबारी इंद्रकात त्रिपाठी और एडीजी प्रेम प्रकाश

महोबा, जेएनएन। कबरई के क्रशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। विशेष जांच दल (एसआइटी) की सात दिन चली जांच के बाद एडीजी प्रयागराज प्रेमप्रकाश ने शुक्रवार को दावा किया कि व्यापारी को लगी गोली उनकी ही पिस्टल से चली थी। उन्होंने कहा कि जांच में हत्या प्रतीत नहीं हो रही है। गोली काफी नजदीक और आगे से लगी है। उन्होंने यह भी नहीं कहा कि व्यापारी ने खुद को ही गोली मारी है। जांच चलती रहेगी। मामले में अभी किसी को क्लीनचिट नहीं दी गई है। एडीजी ने कहा है कि यदि शासन द्वारा किसी एजेंसी को जांच दी जाएगी, तो उसका पूर्ण सहयोग किया जाएगा।

पुलिस लाइन सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में एडीजी प्रेमप्रकाश ने बताया कि इंद्रकांत ने सात सितंबर को वीडियो वायरल कर पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा खुद की हत्या की आशंका जताई थी। नौ सितंबर को प्रेस कांफ्रेंस भी करने की बात कही थी। सात सितंबर को ही तत्कालीन एसपी ने आरोपों का खंडन करके इंद्रकांत को जुए व सट्टे का व्यापारी बताते हुए कहा था कि वह अवैध विस्फोटक का कार्य करते हैं। आठ सितंबर को किसी न्यूज पोर्टल पर व्यापारी का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह जुए के अड्डे पर नोट की गड्डी लेकर खड़े थे।

एडीजी ने बताया कि घटनास्थल के पास ही गांव बघवा खोड़ा के बच्चे रविंद्र व प्रजापति ने इंद्रकांत को कार में घायल अवस्था में पड़े देखा था। गांव का ही शिवपाल भी मौके पर पहुंचा, जिसने कबरई के व्यवसायी सत्यम और उनके पिता अर्जुन सिंह को सूचना दी। जो कि इंद्रकांत को अस्पताल ले गए। वहीं, कार में पड़ी इंद्रकांत की पिस्टल उनकी पत्नी को पार्टनर बालकिशोर के भाई आशाराम के जरिए दी गई। 13 सितंबर को घायल व्यापारी रीजेंसी अस्पताल कानपुर में मौत हो गई। इसके बाद तत्कालीन एसपी, तत्कालीन एसएचओ कबरई देवेंद्र शुक्ला, इंद्रकांत के पार्टनर सुरेश सोनी, ब्रह्मदत्त और अन्य पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया।

एसआइटी ऐसे पहुंची निष्कर्ष पर

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली के प्रवेश और निकास के घावों के बारे में स्पष्ट टिप्पणी अंकित नहीं थी। रीजेंसी के चिकित्सकों से पूछताछ हुई तो घावों की जानकारी स्पष्ट हुई। इंद्रकांत की कार से महत्वपूर्ण बैलेस्टिक साइंस से संबंधित साक्ष्य मिले। इसके बाद दिवंगत के स्वजन से लाइसेंसी पिस्टल ली गई। अन्य लोगों के भी पिस्टल जमा करा विधि विज्ञान प्रयोगशाला आगरा भेजी गई। जांच में पता चला कि कार से बरामद कारतूस और खोखा इंद्रकांत की ही पिस्टल का है।

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