29 को महाप्रसाद वितरण के साथ होगा अखंड रामनाम संकीर्तन का समापन, दूरी का पालन करते हुए होगा प्रसाद वितरण

गाइड लाइन का पालन करते हुए होगा महाप्रसाद वितरण। गुरु पूॢणमा से काॢतक पूॢणमा तक होगा रामनाम संकीर्तन। सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए इसमें शामिल कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि गुरु पूॢणमा से हुआ शुरू हुआ जाप काॢतक पूॢणमा तक चलेगा।

By ShaswatgEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 02:25 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 02:25 PM (IST)
29 को महाप्रसाद वितरण के साथ होगा अखंड रामनाम संकीर्तन का समापन, दूरी का पालन करते हुए होगा प्रसाद वितरण
दीपदान कर महामारी की समाप्ति की कामना करेंगे।

कानपुर, जेएनएन। गंगा किनारे गुरु परंपरा का पालन करते चल रहे अखंड रामनाम संकीर्तन का समापन 29 को महाप्रसाद वितरण के साथ होगा। भक्तों को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा। प्रतिवर्ष इस आयोजन के समापन पर भव्य भोज का आयोजन किया जाता रहा है। परंतु इस बार कोविड नियमावली का पालन करते हुए प्रसाद वितरण किया जाएगा। 

सरसैया घाट पर प्रतिवर्ष रामनगरी के महंत दामोदर दास जी के गुरु ने 125 साल पहले रामनाम जाप की परंपरा की शुरुआत की थी। वे प्रतिवर्ष गुरु पूॢणमा को साधु-संतों की टोली के साथ शहर आकर एक माह तक निरंतर अखंड रामनाम संकीर्तन का जाप करते हैं। अयोध्या की छावनी स्थित बड़ा भक्त माल मंदिर के महंत दामोदर दास जी महाराज ने बताया कि शासन द्वारा जारी गाइड लाइन का पालन करते हुए महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा। सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए इसमें शामिल कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि गुरु पूॢणमा से हुआ शुरू हुआ जाप काॢतक पूॢणमा तक चलेगा। इसमें साधु-संतों के साथ शहर व आस-पास जिलों में रहने वाले दर्जनों भक्त प्रतिदिन शामिल होते हैं। श्रद्धालु ज्ञानेंद्र विश्नोई ने बताया कि अखंड संकीर्तन में शामिल होकर मन को शांति की प्राप्ति होती है। इस बार कोविड के कारण इसमें कुछ श्रद्धालुओं को शामिल किया जा रहा है। उन्होंंने बताया कि 29 को महाप्रसाद ग्रहण कर काॢतक पूॢणमा पर्व पर दीपदान कर महामारी की समाप्ति की कामना करेंगे।

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