Love Jihad Kanpur: नाम बदलकर दस लड़कियों से प्रेम संबंध बनाए, मंदिर भी गया और बड़ों के पैर भी छुए
आइजी की आदेश पर गठित एसआइटी के पास प्यार के नाम पर धोखा करके लव जिहाद के अबतक कुल 18 मामले आ चुके हैं।
कानपुर, जेएनएन। लव जिहाद की बढ़ती घटनाओं पर चिंतित योगी सरकार ने कानून बनाने की कवायद शुरू की है, हिंदू संगठन वर्षों पहले से कानून की मांग करते आ रहे हैं। इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि जिन ऐसे मामलों को केवल प्रेम प्रसंग माना जाता है, उसके पीछे सिर्फ धोखा और साजिश है। इसलिए इसे लव जिहाद कहा जा रहा है। दैनिक जागरण ने ही पिछले दिनों यह मुद्दा उठाया था। शालिनी यादव प्रकरण की पड़ताल करते हुए जब जूही लाल कॉलोनी के पांच युवकों द्वारा दो महीने के भीतर इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने की खबर प्रकाशित की तो पुलिस की नींद टूटी और एसआइटी का गठन हुआ। इसके बाद तो कानपुर ही नहीं प्रदेश के तमाम हिस्सोंं से पीडि़त सामने आए। कई पीडि़ताओं ने आगे बढ़ कर कहा कि उन्हें प्रेम के जाल में फंसाकर धोखा दिया गया।
चौंकाने वाले हैं ये मामले
पिछले दिनों एक मामला खूब चर्चित हुआ था, जिसमें एक किशोरी को कुछ दबंगों ने शराब से नहला उसके साथ दुष्कर्म की कोशिश की थी। इस प्रकरण में एक नया तथ्य प्रकाश में आया है। पुलिस को किशोरी के साथ एक युवक के कुछ वीडियो मिले। पुलिस वीडियो के सहारे लड़की के चरित्र पर सवाल खड़ा करके मामला दबाने में लगी है, मगर जब दैनिक जागरण ने पड़ताल की तो चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई। पता चला कि वह किशोरी भी लव जिहाद की शिकार थी।
इसकी भनक लगने के बाद मोहल्ले के दबंग भी फायदा उठाना चाह रहे थे। किशोरी जिस गोलू नाम के मुस्लिम युवक के संपर्क में थी, उसकी 10 और हिंदू लड़कियों से प्रेम संबंध हैं। युवक नाम बदलकर गरीब किशोरी को पैसे के दम पर हासिल करना चाहता था। उसके साथ मंदिर जाता था, भगवान की पूजा करता था, बड़ों के पैर छूता था जबकि मुस्लिम धर्म में इसकी इजाजत नहीं है। पुलिस ने इस युवक के खिलाफ अब तक कोई जांच नहीं की है।
पिछले दिनों ऐसा ही मामला नौबस्ता में सामने आया था, जहां आर्यन मल्होत्रा बनकर मुस्लिम युवक एक किशोरी को प्रेम जाल में फंसाकर घर से भगा ले जाने की योजना बना रहा था। चकेरी में किशोरी ने धर्म परिवर्तन करके निकाह किया और एक सप्ताह के भीतर ही प्रताडऩा सहकर वापस लौट आई।
आइजी ने गठित की एसआइटी
शालिनी यादव केस के बाद सामने आए लव जिहाद के मामलों को देखते हुए आइजी ने एसआइटी का गठन करके जांच के आदेश दिए थे। एसआइटी के पास अबतक कुल 18 मामले आ चुके हैं, जिनकी वो जांच कर रही है। इसमें सात मामलों में नौ आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है, जबकि तीन मामलों में अभी गिरफ्तारी होनी बाकी है। हालांकि चार मामले ऐसे हैं, जिसमें अदालत में युवतियों ने आरोपित के पक्ष में बयान दिए हैं।
एसआइटी इन बिंदुओं पर कर रही जांच -पूर्व के दो वर्षों में दर्ज ऐसे मामलों का संकलन। -इन मुकदमों में कितने आरोपित लाल जूही कॉलोनी में रहने वाले हैं। -आरोपितों के फोन कॉल रिकार्ड से यह जानने की कोशिश की कि कहीं ये लोग आपस में जुड़े तो नहीं हैं। संगठन विशेष से प्रभावित तो नहीं हैं। -एसआइटी आरोपितों की आर्थिक स्थिति का भी आकलन करेगी कि इन्हें कहीं बाहर से फंङ्क्षडग तो नहीं हो रही। -एसआइटी पूर्व में दर्ज मुकदमों में घर से भागी लड़कियों का सत्यापन भी करेंगी कि अब वे किन हालात में हैं। -एसआइटी आरोपितों के मददगारों के बारे में भी पता लगाएगी।