कानपुर में बनेगा लाजिस्टिक पार्क, उद्यमी ने बताई चमड़े का निर्यात दोगुना करने की युक्ति

भाजपा के विधान परिषद सदस्य और प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद कुमार शर्मा 10 अगस्त को कानपुर आए थे और मर्चेंट चैंबर के पदाधिकारियों से उनकी समस्याएं पूछी थीं। मर्चेेंट चैंबर के पदाधिकारियों ने जिन मुद्दों पर अपनी मांग रखी थी अब उन पर काम शुरू हो गया है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 09:30 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 09:30 AM (IST)
कानपुर में बनेगा लाजिस्टिक पार्क, उद्यमी ने बताई चमड़े का निर्यात दोगुना करने की युक्ति
कानपुर में बनने वाले लाजिस्टिक पार्क की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटाे।

कानपुर, जेएनएन। कानपुर में लाजिस्टिक पार्क के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने 70 हेक्टेयर भूमि चिह्नित कर ली है। यह बात गुरुवार को वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों ने मर्चेंट चैंबर आफ उप्र के पदाधिकारियों के साथ कानपुर के उद्योगों के विकास को लेकर हुई वर्चुअल बैठक में कही। उद्यमियों ने कानपुर के इनलैंड कंटेनर डिपो एनीमल क्वारंटाइन एंड सर्टिफिकेशन सर्विस (एक्यूसीएस) सेंटर खोलने की मांग की। साथ ही कानपुर में एसईजेड को भी जल्द से जल्द खोलने के लिए कहा।

भाजपा के एमएलसी और प्रदेश उपाध्यक्ष अरङ्क्षवद कुमार शर्मा 10 अगस्त को कानपुर आए थे और मर्चेंट चैंबर के पदाधिकारियों से समस्याएं पूछी थीं। पदाधिकारियों ने जिन मुद्दों पर अपनी मांग रखी थी, उन पर काम शुरू हो गया है। गुरुवार को वर्चुअल बैठक में उद्यमियों ने बताया कि कानपुर में पूर्ण लाजिस्टिक पार्क नहीं है। डेडीकेटेड फ्रेट कारीडोर के पास मेगा लाजिस्टिक पार्क बनाने की जरूरत है। अधिकारियों ने बताया, इसके लिए कानपुर में 70 एकड़ भूमि चिह्नित की जा चुकी है। इसमें एक रेलवे लाइन जाएगी। मर्चेंट चैंबर की एक्सपोर्ट कमेटी के चेयरमैन आरके जालान ने कहा कि दो रेलवे लाइन जानी चाहिए। मर्चेंट चैंबर के ट्रेड कमेटी के चेयरमैन प्रेम मनोहर गुप्ता ने बताया कि कानपुर में लेदर का बड़ा कारोबार है, लेकिन कच्चे माल की समस्या हमेशा रहती है। अच्छा चमड़ा विदेश से आयात करना पड़ता है। दिल्ली, मुंबई, जालंधर, कोलकाता, चेन्नई के इनलैंड कंटेनर डिपो में एक्यूसीएस की सुविधा है। कानपुर के लेदर कारोबारी मुंबई से कच्चा चमड़ा मंगाते हैं, लेकिन वह वहां से लाने पर काफी महंगा हो जाता है। अगर कानपुर में इसकी लैब बना दी जाए तो निर्यात दोगुना हो सकता है। अधिकारियों ने कहा कि इटावा में इसकी एक लैब है, लेकिन उसमें पूरी सुविधाएं नहीं हैं। लैब कितने की बनेगी, इसके लिए रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया। अधिकारियों ने कहा कि उद्यमी मिलकर लैब बना सकते हैं। यूपीसीडा को ट्रांसगंगा में नई लैब बनाने के लिए रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए। बैठक में कहा गया कि प्रस्ताव मंत्रालय भेज दिया गया है। इसकी प्रति एक्यूसीएस के संयुक्त सचिव उपमन्यु बासु को जल्द ही भेज दी जाएगी। एजेंडे में विशेष आर्थिक जोन (एसईजेड) भी था। उद्यमियों ने बताया कि कानपुर में या उसके आसपास कोई एसईजेड नहीं है। जिलाधिकारी को निर्देश दिए गए कि वे यूपीसीडा, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, मर्चेंट चैंबर के साथ मिलकर बैठक करें। प्रस्तावित आउटर ङ्क्षरग रोड देखकर उसी हिसाब से प्रस्ताव बनाएं। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के लाजिस्टिक डिवीजन द्वारा बुलाई गई उच्च स्तरीय वर्चुअल बैठक में डेडीकेटेड फ्रेट कारीडोर के निदेशक एन श्रीनिवास, कानकोर के आपरेशन व डेवलपमेंट के कार्यकारी निदेशक संतोष झा, सेंट्रल बोर्ड आफ इन डायरेक्ट टैक्स के संयुक्त सचिव गौरव, एसईजेड के निदेशक सैंथिल नाथन, मर्चेंट चैंबर के अध्यक्ष अतुल कनोडिया, आरके लोहिया, मनीष कटारिया, सुशील शर्मा, अविरल जैन रहे।

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