नकली दवाओं के कारोबार से चुकाया 80 लाख का कर्ज, गुजरात, हिमांचल प्रदेश, उत्तराखंड व गोरखपुर से जुड़े हैं तार

मनीष लखनऊ के आशियाना में रहकर काफी समय से दवा का कारोबार कर रहा था। इधर चार पांच साल से उसने नकली दवा का व्यापार शुरू कर दिया था। क्राइम ब्रांच के मुताबिक आरोपित से पूछताछ में सामने आया है कि उस पर 80 लाख रुपये का कर्ज था।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 10:05 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 10:05 AM (IST)
नकली दवाओं के कारोबार से चुकाया 80 लाख का कर्ज, गुजरात, हिमांचल प्रदेश, उत्तराखंड व गोरखपुर से जुड़े हैं तार
गोरखपुर तक सप्लाई होने वाली दवाएं कोलकाता से आती थीं

कानपुर, जेएनएन। नकली दवा के कारोबार से जुड़े आरोपितों की धरपकड़ में क्राइम ब्रांच ने लगातार छापेमारी कर शिकंजा कसा है। लखनऊ के अमीनाबाद के कसाईबाड़ा और माडल हाउस के पास नकली और नशीली दवाओं का गोदाम चलाने वाले आरोपित मूलरूप से रायबरेली निवासी मनीष मिश्रा को क्राइम ब्रांच ने दादा नगर से गिरफ्तार किया था। आरोपित के पास से दर्द निवारक दवा अल्ट्रासेट के 64 पत्ते बरामद किए थे। अब पता चला है कि उसने नकली दवाओं के कारोबार से ही 80 लाख रुपये का कर्ज चुकाया है।

मनीष लखनऊ के आशियाना में रहकर काफी समय से दवा का कारोबार कर रहा था। इधर चार पांच साल से उसने नकली दवा का व्यापार शुरू कर दिया था। क्राइम ब्रांच के मुताबिक, आरोपित से पूछताछ में सामने आया है कि उस पर 80 लाख रुपये का कर्ज था। इसी नकली दवा के कारोबार से उसने अपना कर्ज उतारा है। पूछताछ में सामने आया है कि वह गुजरात, अलीगढ़, मेरठ, देहरादून, रुड़की, अहमदाबाद से दवाएं लाता था। गोरखपुर तक सप्लाई होने वाली दवाएं कोलकाता से आती थीं।

एक वेंडर से चार-पांच साल्ट की ही दवाएं मिलती : मनीष ने बताया कि एक वेंडर के पास से चार या पांच साल्ट की ही दवाएं मिलती हैं। कई साल्ट की दवाओं के लिए अलग-अलग वेंडरों से संपर्क करके मंगाना पड़ता है। क्राइम ब्रांच मनीष की मदद से नकली दवा मुहैया कराने वाले वेंडरों की तलाश में लग गई है।

ये था मामला : क्राइम ब्रांच और गोविंद नगर पुलिस की संयुक्त टीम ने दबौली टेंपो स्टैंड में छापेमारी करके जगईपुरवा चकेरी निवासी गुड्डू उर्फ पिंटू गुप्ता और उसके साथी बेकनगंज निवासी आसिफ मोहम्मद खान उर्फ मुन्ना को नकली व नशीली दवाओं के साथ गिरफ्तार किया था। आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने लखनऊ के कसाईबाड़ा और माडल हाउस स्थित गोदाम में छापेमारी करके तीसरे आरोपित सचिन को गिरफ्तार कर ढाई करोड़ की दवाएं बरामद की थी। सचिन की निशानदेही पर क्राइम ब्रांच ने लखनऊ के सरगना मनीष की गिरफ्तारी की। गिरोह की कड़ी में शामिल गुड्डू नौबस्ता में नशीले इंजेक्शनों की सप्लाई के मामले में वांछित चल रहा था, जबकि उस मामले में पुलिस अभी गुड्डू के साथी सुनील की गिरफ्तारी नहीं कर पाई है।  

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