रेमडेसिविर प्रकरण में एलएलआर अस्पताल की सिस्टर इंचार्ज और फार्मासिस्ट निलंबित, आठ को नोटिस

मुर्दों और डिस्चार्ज मरीजों के नाम से रेमडेसिविर इंजेक्शन इश्यू होने के मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर प्राचार्य के निर्देश पर प्रमुख अधीक्षक ने कार्रवाई की है। मरीजों की मौत के बाद स्टोर से लिए इंजेक्शन वापस नहीं लौटाए गए।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 08:57 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 08:57 AM (IST)
रेमडेसिविर प्रकरण में एलएलआर अस्पताल की सिस्टर इंचार्ज और फार्मासिस्ट निलंबित, आठ को नोटिस
कानपुर में एलएलआर अस्पताल का मामला ।

कानपुर, जेएनएन। गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल (जीएसवीएम) मेडिकल कालेज के लाला लाजपत राय (एलएलआर) अस्पताल (हैलट) के न्यूरो साइंस सेंटर के कोविड हास्पिटल में रेमडेसिविर इंजेक्शन जारी करने में हेरफेर की रिपोर्ट जांच कमेटी ने प्राचार्य को सौंप दी है। इसमें न्यूरो साइंस सेंटर की कोविड हास्पिटल की सिस्टर इंचार्ज अंजुलिका मिश्रा एवं फार्मासिस्ट नागेंद्र बाजपेयी के निलंबन की संस्तुति की गई है। न्यूरो साइंस सेंटर के चार तल पर तैनात दो-दो नर्सिंग स्टाफ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। प्राचार्य के निर्देश पर प्रमुख अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई भी कर दी है।

प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने रेमडेसिविर इंजेक्शन में हुए खेल को गंभीरता से लिया था। अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक (एसआइसी) डा. ज्योति सक्सेना की अध्यक्षता में बाल रोग विभाग के प्रोफेसर डा. अरुण कुमार आर्या और चीफ फार्मासिस्ट राजेंद्र सिंह पटेल की तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी। जांच कमेटी ने न्यूरो साइंस सेंटर के कोविड हास्पिटल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों के रिकार्ड चेक किए। मरीजों की भर्ती फाइल की जांच की। उसमें सामने आया कि दो मरीजों की मौत के बाद भी रेमडेसिविर का इंडेंट स्टोर भेजकर इंजेक्शन आवंटित भी करा लिया गया। वार्ड में मरीज की मौत होने के बाद इंजेक्शन का इस्तेमाल न होने पर भी सिस्टर इंचार्ज ने उसे वापस नहीं किया।

ऐसे दिया जा रहा था इंजेक्शन

न्यूरो साइंस सेंटर के कोविड हास्पिटल में फार्मासिस्ट नीचे के तल पर बैठते हैं। उन्हें इंटरकाम के मध्यम से सिस्टर इंचार्ज और सभी वार्डों की नर्सिंग स्टाफ से जुड़ा गया है। नर्सिंग स्टाफ अपनी सिस्टर इंचार्ज के माध्यम से इंजेक्शन की जरूरत बताती है। सिस्टर इंचार्ज फार्मासिस्ट से फोन कर इंजेक्शन की डिमांड करती है। इंडेंट स्टोर भेजने पर इंजेक्शन फार्मासिस्ट के पास आता है। फार्मासिस्ट इंजेक्शन लिफ्ट में रखकर संबंधित तल में भेज देते हैं। इंजेक्शन मिलने के बाद सिस्टर इंचार्ज इंटरकाम के जरिए सूचना दे देती है।

यह रही चूक : फार्मासिस्ट ने इंजेक्शन दिए, लेकिन उसकी रिसीङ्क्षवग नहीं ली। सिस्टर इंचार्ज ने मरीज की मौत होने के बाद भी इंजेक्शन वापस नहीं किए। इस चूक के लिए दोनों को निलंबित किया गया है। सभी तल की नर्सिंग स्टाफ भी मरीजों को लेकर लापरवाही रहीं, इसलिए उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया है।

अधीक्षक से 24 घंटे में स्पष्टीकरण : कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि ने न्यूरो साइंस सेंटर के कोविड हास्पिटल के अधीक्षक से 24 घंटे में स्पष्टीकरण तलब किया है। इसमें इंडेंट चेक न करने और मरीजों को इंजेक्शन लगना सुनिश्चित न करने का सवाल उठाया गया है।

सीडीओ की अगुवाई में कमेटी करेगी जांच : डीएम आलोक तिवारी ने पूरी गड़बड़ी की जांच के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की है। इसमें एडीएम सिटी और सीएमओ भी हैं, एक सप्ताह में रिपोर्ट देंगे। जांच कमेटी की रिपोर्ट कार्यवाहक प्राचार्य के माध्यम से जिलाधिकारी को भेजी है। आरोप सच मिलने पर आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। -प्रो. आरबी कमल, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।

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