सुनिए वित्तमंत्री जी..! सरकारी कर्मियों की तरह व्यापारियों को दें पेंशन

प्रतिदिन 100 ट्रक माल यहां से भी बाहर जाता है। जनरलगंज नौघड़ा रामगंज में करीब डेढ़ हजार थोक कारोबारी हैं। इसके साथ ही शहर में करीब पांच हजार फुटकर दुकानदार भी हैं। कारोबार के तमाम उतार चढ़ाव देख चुके कपड़ा कारोबारी अब सामाजिक सुरक्षा भी चाहते हैं।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 10:31 AM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 12:18 PM (IST)
सुनिए वित्तमंत्री जी..! सरकारी कर्मियों की तरह व्यापारियों को दें पेंशन
कारोबार के तमाम उतार चढ़ाव देख चुके कपड़ा कारोबारी अब सामाजिक सुरक्षा भी चाहते हैं

कानपुर, जेएनएन। कपड़ा कारोबार के गढ़ शहर में एक समय दो दर्जन बड़ी फैक्ट्रियां थीं, जहां हजारों लोग काम करते थे। अब वह दौर भले नहीं है, लेकिन थोक कारोबार के साथ ही यहां रेडीमेड गारमेंट का काम खूब हो रहा है। कपड़ा कारोबार का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि यहां रोज 250 ट्रक कपड़ा गुजरात, महाराष्ट्र व अन्य स्थानों से आता है। प्रतिदिन 100 ट्रक माल यहां से भी बाहर जाता है। जनरलगंज, नौघड़ा, रामगंज में करीब डेढ़ हजार थोक कारोबारी हैं। इसके साथ ही शहर में करीब पांच हजार फुटकर दुकानदार भी हैं। कारोबार के तमाम उतार चढ़ाव देख चुके कपड़ा कारोबारी अब सामाजिक सुरक्षा भी चाहते हैं। इसीलिए वे पेंशन की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जिस तरह सरकारी कर्मचारियों को पेंशन दी जा रही है, उन्हेंं भी पेंशन मिलनी चाहिए।

बोले कपड़ा कारोबारी

एजेंट को अभी 15 हजार पर 3.75 फीसद कमीशन देते हैं। इसकी सीमा 25 हजार रुपये की जानी चाहिए। इसके साथ ही बैंक के ब्याज पर काटा जा रहा टीडीएस भी आधा किया जाए।

चरनजीत सागरी, अध्यक्ष, कानपुर कपड़ा कमेटी।

कोरोना की वजह से व्यापार काफी प्रभावित हुआ है। इसलिए आय में छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ा कर पांच लाख रुपये की जाए। इसके साथ ही 50 लाख रुपये के टर्नओवर पर एक फीसद टीडीएस कटता है। ये सीमा एक करोड़ की जाए।

काशी प्रसाद शर्मा, थोक कारोबारी।

सरकारी कर्मचारियों की तरह व्यापारियों को भी पेंशन मिले। इसके लिए आयकर रिटर्न फाइल कराते समय ही उनसे कुछ अतिरिक्त राशि ले ली जाए और उससे पेंशन दी जाए।

श्रीकृष्ण गुप्ता, थोक कारोबारी।

कारोबार इतना कम होने के बाद भी आयकर ने अच्छा राजस्व संग्रह किया है। इसलिए टैक्स स्लैब की दरों को कम किया जाए। इन्हेंं 10, 20, 30 की जगह पांच, 10 और 20 फीसद किया जाए।

शेष नारायण त्रिवेदी, थोक कारोबारी।

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