ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत हुए कामों की मांगी सूची, ताकि दोबारा कार्य करके घोटाला न कर सकें प्रधान
यही वजह है कि उपायुक्त मनरेगा ने अब घोटाले पर रोक लगाने के लिए प्रधानों और पंचायत सचिवों से प्रत्येक कार्य की जिओ टैंगिंग कराने और उसी सूची उपलब्ध कराने के लिए कहा है। गांव में जब भी किसी कार्य को मंजूर किया जाएगा
कानपुर, जेएनएन। गांवों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत होने वाले कार्यों की ग्राम वार सूची मांगी गई है। जो भी कार्य हुए हैं उनकी जिओ टैगिंग भी होगी ताकि उसी काम को दोबारा कागज पर कराकर प्रधान, पंचायत सचिव धन का गबन न कर सकें। गांवों में मनरेगा के तहत होने वाले विकास कार्यों मेें खूब घपले होते हैं। प्रधान और पंचायत सचिव मिलकर कार्यों में घपला करते हैं। वे उन कार्यों को दोबारा कागज पर करा देते हैं जो पहले हो चुके होते हैं। ऐसे मामले पहले पकड़ में आते रहे हैं।
यही वजह है कि उपायुक्त मनरेगा ने अब घोटाले पर रोक लगाने के लिए प्रधानों और पंचायत सचिवों से प्रत्येक कार्य की जिओ टैंगिंग कराने और उसी सूची उपलब्ध कराने के लिए कहा है। गांव में जब भी किसी कार्य को मंजूर किया जाएगा तो उस सूची से उसका मिलान किया जाएगा। अगर काम पहले नहीं हुआ होगा तो ही उस पर काम होगा। पांच साल तक ऐसे किसी भी स्थल पर काम नहीं कराया जाएगा जहां पिछले पंच वर्षीय में काम हो चुका है। इस आदेश को सख्ती से लागू करने के आदेश दिए गए हैं। अब प्रधानों को हर हाल में एक माह के अंदर ऐसे कार्यों की सूची देनी होगी। उपायुक्त मनरेगा एके सिंह का कहना है कि कार्यों की सूची तैयार की जा रही है। किसी भी दशा में अनियमितता को रोकना है। आदेश पर जो अमल नहीं करेंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी। गांवों में कुछ कार्यों की जांच भी कराई जाएगी ताकि सूची में अगर किसी काम का उल्लेख नहीं हुआ होगा तो वह भी पता चल जाए।