हत्या में दोषी तत्कालीन एसओ को हुई उम्रकैद की सजा, जालौन के कदौरा में 24 साल पहले हुई थी घटना

करीब 24 साल पहले जालौन जनपद के कदौरा क्षेत्र में एक युवक की हत्या करने के मामले में वहां के तत्कालीन थानाध्यक्ष को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। दारोगा सेवानिवृत्त हो चुके हैं। घटना के दिन दारोगा को ग्रामीणों ने घेर लिया था।

By Sarash BajpaiEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 08:32 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 08:32 PM (IST)
हत्या में दोषी तत्कालीन एसओ को हुई उम्रकैद की सजा, जालौन के कदौरा में 24 साल पहले हुई थी घटना
युवक की हत्या में तत्कालीन थानाध्यक्ष को उम्र कैद की सजा।

कानपुर, जेएनएन। जालौन जनपद के कदौरा थाना क्षेत्र के ग्राम नाका में 24 साल पहले युवक की गोली मारकर हत्या के मामले में गुरुवार को डकैती कोर्ट में फैसला सुनाया गया। मुकदमे में मुख्य आरोपित कदौरा थाना के तत्कालीन एसओ को न्यायाधीश ने दोषी करार दिया है। उन्हें आजीवन आजीवन कारावास एवं जुर्माने की सजा सुनाई गई है। आरोपित उप निरीक्षक पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

ग्राम नाका में 12 नवंबर 1997 को जनक सिंह के विरोधी रामस्वरूप शुक्ला के साथ कदौरा थाना के तत्कालीन एसओ राजेश द्विवेदी ने हमराही पुलिस कर्मियों के साथ दबिश दी। जनक सिंह का पुत्र प्रदुम्न घर के भीतर कमरे में सो रहा था। प्रदुम्न को उठाकर उसे गोली मारकर दी गई। जिससे उसकी मौत हो गई थी। घटना के बाद आसपास के लोग मौके पर आ गए। जिससे एसओ वहां से भाग नहीं पाए। घटना की सूचना के बाद एसपी व एसडीएम मौके पर पहुंचे तब राजेश द्विवेदी को छोड़ा गया।

बाद में जनक सिंह ने हत्या के आरोप में एसओ राजेश द्विवेदी, शिवस्वरूप सिंह, महेश मिश्रा, बलराम, रामस्वरूप शुक्ला, गणेश प्रसाद, रामपाल व इद्दू के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया। सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। मामले की जांच सीओ बृजमोहन उदैनिया द्वारा की गई। साक्ष्य संकलित कर विवेचक ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। डकैती कोर्ट में मुकदमे का ट्रायल हुआ। करीब चौबीस साल चली सुनवाई के बाद डकैती कोर्ट के न्यायाधीश प्रकाश तिवारी ने गुरुवार को फैसला सुना दिया। शासकीय अधिवक्ता महेंद्र विक्रम सिंह के अनुसार आरोप पत्र में आठ गवाह लिखे गए थे, लेकिन कोर्ट में पेश होने के बाद वे अपने बयान से पलट गए, परंतु मुकदमे का वादी जनक सिंह ने खुलकर गवाही दी। साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश ने तत्कालीन एसओ राजेश द्विवेदी को दोषी करार दिया है, उसे आजीवन कारावास व 70 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।  

chat bot
आपका साथी