स्टाफ नहीं कैसे हो इलाज : इटावा में वेंटीलेटर मांग रही जिंदगी, अव्यवस्थाओं ने ली पांच जान
Coronavirus Death Case हालत यह है कि विंग का निरीक्षण करने गए महिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक जाटव ने स्वीपर को ही वेंटीलेटर व आक्सीजन ऑपरेट करने के निर्देश दे दिए। स्टाफ की भारी कमी के कारण वहां ड्यूटी कर रहे चिकित्सक परेशान हैं।
इटावा, जेएनएन Coronavirus Death Case : जिला अस्पताल के मदर एंड चाइल्ड हेल्थ केयर (एमसीएच) विंग स्थित 100 शैया कोविड हास्पिटल में 12 वेंटीलेटर हैं, लेकिन ऑपरेटर नहीं होने ये खुद हांफ रहे हैं। इससे गंभीर दो मरीजों की शुक्रवार को मौत हो गई। इससे पहले 24 घंटे में पांच मरीज दम तोड़ चुके हैं। पैरामेडिकल स्टाफ की कमी के कारण वहां ड्यूटी कर रहे चिकित्सक परेशान हैं। विंग का निरीक्षण करने पहुंचे महिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक जाटव ने हालात देखकर स्वीपर से ही वेंटीलेटर आपरेट कराए। उन्होंने दावा किया कि जल्द व्यवस्था ठीक हो जाएगी। वहीं, कोविड हॉस्पिटल के प्रभारी डॉ. अब्दुल कादिर ने बताया कि उनके साथ सिर्फ एक स्वीपर व एक वार्ड ब्वॉय है। वे 20 घंटे तक की ड्यूटी दे रहे हैं। स्टाफ बढ़ाने की सख्त जरूरत है। वर्तमान में कोविड हॉस्पिटल में 35 कोरोना संक्रमित भर्ती हैं। इनमें 12 मरीज गंभीर हालत में हैं। इन्हें तत्काल वेंटीलेटर की जरूरत है, लेकिन ऑपरेटर नहीं होने से समस्याएं हैं। अभी तक गंभीर मरीजों को सैफई रेफर कर दिया जाता था, लेकिन वहां पर जगह नहीं होने से अब संकट बढ़ गया है।
आक्सीजन के हैं पर्याप्त इंतजाम : सीएमओ डॉ. एनएस तोमर ने बताया कि आक्सीजन के पर्याप्त इंतजाम हैं। 50 सिलिंडर उनके पास भरे रखे हुए हैं। हालांकि, सिलिंडर के माध्यम से आक्सीजन प्रेशर से नहीं मिल पाती है। वेंटीलेटर से प्रेशर से आक्सीजन मरीज को मिलती है। ऑपरेटर नहीं होने से अभी समस्या है। इसका इंतजाम किया जा रहा है। आइसोलेशन वार्ड में भी पैरामेडिकल स्टॉफ बढ़ाने का इंतजाम कर लिया गया है।
कोविड अस्पताल में स्टाफ की कमी :100 बैड वाले तीन मंजिला कोविड अस्पताल में स्टाफ की कमी है। यहां पर एक डॉक्टर के सहारे पूरी व्यवस्था चलाई जा रही है। दिन में एक स्टाफ नर्स व एक स्वीपर की ड्यूटी है। रात्रि में भी ऐसी व्यवस्था रहती है। लगभग 40 मरीज हो चुके हैं लेकिन स्टाफ नहीं बढ़ाया गया। अस्पताल में कम से कम दो डॉक्टर, चार नर्स व तीन वार्ड बॉय होने चाहिए।
कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं : कहने को तो कोविड अस्पताल है लेकिन यहां पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो रहा है। डॉक्टर से लेकर कर्मचारियों पर पीपीई किट नहीं है। जो एंबुलेंस स्टाफ आ रहा है उनके पास भी मास्क व अन्य उपकरण नहीं है जिससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। जिन मरीज की मृत्यु हो जाती है उनके परिजन एंबुलेंस में बैठकर कोविड संक्रमित मरीज के साथ ही बैठकर चले जाते हैं।
इनका ये है कहना
सिद्धार्थ, एसडीएम सदर