औरैया में किशोरी के साथ दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास, 22 माह बाद आया कोर्ट का फैसला

अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता अभिषेक मिश्रा विशेष लोक अभियोजक पाक्सो जितेंद्र सिंह तोमर व मृदुल मिश्रा ने संयुक्त रूप से बताया कि दिल दहलाने वाली यह घटना 26 जनवरी 2020 की है। आरोपित को 21 वर्षीय गरीब नवयुवक बताते हुए नरम दृष्टिकोण अपनाए जाने की याचना की।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 07:52 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 07:52 PM (IST)
औरैया में किशोरी के साथ दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास, 22 माह बाद आया कोर्ट का फैसला
कोर्ट के आदेश की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फाेटो।

औरैया, जागरण संवाददाता। विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट ने थाना फफूंद क्षेत्र में घटी छह वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना के आरोपित को दोषी ठहराकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अर्थदंड में अभियुक्त को डेढ़ लाख रुपये जमा करने का भी आदेश दिया। 22 माह मामले का विचारण पूर्ण होने पर अपराध की सजा हुई।

अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता अभिषेक मिश्रा, विशेष लोक अभियोजक पाक्सो जितेंद्र सिंह तोमर व मृदुल मिश्रा ने संयुक्त रूप से बताया कि दिल दहलाने वाली यह घटना 26 जनवरी 2020 की है। वादी मुकदमा ने थाना फफूंद में रिपोर्ट लिखाई कि दिन के उसकी छह वर्षीय नातिन टाकीज के सामने खेल रही थी। अभियुक्त फरहान राईन नामक युवक पैसों का लालच देकर लकड़ी बिनवाने के बहाने बच्ची को झाड़ियों में ले गया व उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ पाक्सो, एससी-एसटी एक्ट व दुष्कर्म की धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। यह मामला विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट मनराज सिंह के यहां विचारण में चलता रहा। शुक्रवार को बचाव पक्ष की ओर से न्याय मित्र ने आरोपित को 21 वर्षीय गरीब नवयुवक बताते हुए नरम दृष्टिकोण अपनाए जाने की याचना की। अभियोजन पक्ष की ओर से डीजीसी ने आरोपित को गंभीर अपराध में दोषी बताते हुए कठोर दंड दिए जाने की बहस की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद एडीजे ने अभियुक्त को तीनों धाराओं में आजीवन कारावास व 50-50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अधिवक्ता शिवम शर्मा ने बताया कोर्ट ने प्रस्तुत मामले में जमा कराई गई अर्थदंड की धनराशि में से 50 फीसद पीड़ित को चिकित्सीय व्ययों व पुनर्वास की पूर्ति के लिए दी जाएगी। इस जघन्य मामले में अभियोजन ने मात्र 22 महीने में दोषी को कठोर कारावास की सजा दिलाने में सफलता हासिल की।

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