फतेहपुर में किशोर की हत्या करने के मामले में तीन सगे भाइयों को आजीवन कारावास

किशोर की मां की गवाही से मजबूत हुआ पक्ष वादी नाना व मामा गवाही देने से मुकर गए थे बाग में आम तोडऩे को लेकर था विवाद मौके से भाग निकलने के बाद बेटों के साथ किशोर के घर फायरिंग करने पहुंचा था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 06:53 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 06:53 PM (IST)
फतेहपुर में किशोर की हत्या करने के मामले में तीन सगे भाइयों को आजीवन कारावास
सुनवाई के दौरान आजीवन कारावास सुनाए जाने का प्रतीकात्मक चित्र।

फतेहपुर, जेएनएन। बुधवार को अपर जिला जज अजय कुमार प्रथम की अदालत ने आम तोडऩे के विवाद में  हुई फायङ्क्षरग से सात वर्षीय किशोर शिवम की मौत के मामले की सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने दिवंगत की मां की गवाही पर हत्यारोपित तीन सगे भाई मोनू दुबे, राजेंद्र दुबे व महेंद्र दुबे को उम्रकैद और प्रत्येक को 10-10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।  हत्यारोपित चौथे भाई गुड्डू दुबे के नाबालिग होने पर मामले को किशोर न्यायालय भेज दिया गया और इनके 80 वर्षीय पिता गंगाधर दुबे की भूमिका के साक्ष्य न मिलने पर दोषमुक्त कर दिया। 

ये है मामला

 घटना खागा कोतवाली के खैरई गांव  की 29 अप्रैल 2012 की सुबह 11 बजे की है। गांव के युवक अनिल यादव गंगाधर दुबे के बाग में आम तोड़ रहा था, उसे आम तोड़ता देख बाग मालिक उसे पकडऩे के लिए दौड़ा, लेकिन वह मौके से भाग निकलने में कामयाब रहा। उसके बाद बाग मालिक अपने बेटों के साथ किशोर के घर पहुंचा और वहां फायङ्क्षरग करना शुरू कर दिया। तभी तंमचा की गोली लगने से किशोर की मौत हो गई।

दिवंगत के नाना हुबलाल यादव ने गंगाधर दुबे समेत पांच लोगों पर दर्ज कराया था। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता शिवकिशोर व अधिवक्ता सैयद नाजिस रजा के मुताबिक मृतक किशोर की मां श्रीमती छुटन देवी की चश्मदीद गवाही पर अदालत ने हत्यारोपितों को सजा सुना दी। अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं के अनुसार  वादी नाना व गवाह मामा गवाही  देने से मुकर गए थे।

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