चित्रकूट स्थित पाठा के जंगलों में दिखा तेंदुआ, ग्रामीणों को सतर्क करने में जुटा वन विभाग
मारकुंडी रेंज के जंगलों में बीते कई दिनों से तेंदुए की मौजूदगी है। सोमवार शाम ग्रामीणों ने मारकुंडी-ददरीमाफी मार्ग पर तेंदुए को देखा। इससे ग्रामीणों में खलबली मच गई। रानीपुर वन्यजीव बिहार के प्रतिपालक जीडी मिश्रा ने बताया बरसात के मौसम में जंगलों में हरियाली छा जाती है।
चित्रकूट, जेएनएन। मानिकपुर पाठा क्षेत्र के जंगल में एक बार फिर तेंदुए को घूमते हुए देखा गया। उसके रिहायशी इलाकों में घुसने से पहले ही वन विभाग की टीम सतर्क हो गई है। टीमें लोगों को जंगल की ओर न जाने और तेंदुए की लोकेशन पर पहुंचने के प्रयास में लगी हुई हैं।
मारकुंडी रेंज के जंगलों में बीते कई दिनों से तेंदुए की मौजूदगी है। सोमवार शाम ग्रामीणों ने मारकुंडी-ददरीमाफी मार्ग पर तेंदुए को देखा। इससे ग्रामीणों में खलबली मच गई। रानीपुर वन्यजीव बिहार के प्रतिपालक जीडी मिश्रा ने बताया, बरसात के मौसम में जंगलों में हरियाली छा जाती है। इस वजह से यहां बाघ और तेंदुआ का आना-जाना बना रहता है। पिछले कई दिनों से मारकुंडी रेंज के कुसमुही, ददरी, किहुनियां व भेड़ा जंगल में बाघ व तेंदुआ के आने जाने की सूचना लगातार मिल रही है। रणनीति के तहत मारकुंडी रेंज के क्षेत्राधिकारी रवि कुमार द्विवेदी, रेंजर रमेश यादव, वन दारोगा अंजनी कुमार, आरके बाबू, उमेश कुमार व वीरेंद्र कुमार जंगल से सटे गांव में ग्रामीणों से जानकारी ली जा रही है और जंगल की ओर न जाने की सलाह दे रहे हैं। इटवा, कल्यानपुर, परासिन बीट के कुसमुही जगलों में तीन टीमें लगाकर सर्चिंग की जा रही है। लोगों को भी सतर्क रहने के साथ किसी भी समय बाघ या तेंदुआ दिखने पर अधिकारियों को सूचित करने की अपील की जा रही है।
कुछ दिन पहले उन्नाव में दिखा था तेंदुआ: उन्नाव जिले के फतेहपुर चौरासी थाना क्षेत्र के सकरौली गांव में कुद दिन पहले तेंदुआ दिखाई दिया था। तेंदुए के हमले में चार ग्रामीण घायल होने के बाद ग्रामीणों में इसको लेकर आक्रोश बढ़ गया था। ग्रामीण इसमें वन विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही मान रहे थे। हालांकि इस घटना को देख चित्रकूट में वन विभाग का महकमा पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है और ग्रामीणों को जागरूक करने का काम कार रहा है।