गैस लाइन बिछाने के दौरान टूटी पाइप लाइन, सड़क खराब होने से लोगों में आक्रोश

फतेहपुर जनपद में इन दिनों चल रहे गैस लाइन बिछाने के काम से कई जगह पाइप लाइन टूट रही है। इसके साथ ही सड़क भी टूटने लगी जिससे आम लोगों को परेशानी की सामना करना पड़ रहा है। जिससे लोगों में आक्रोष है।

By Sarash BajpaiEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 07:10 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 07:10 PM (IST)
गैस लाइन बिछाने के दौरान टूटी पाइप लाइन, सड़क खराब होने से लोगों में आक्रोश
गैस लाइन बिछाने के कारण टूट रही पाइप लाइन तथा सड़क। प्रतीकात्मक चित्र

फतेहपुर, जेएनएन। लोगों को गैस सिलेंडर पाने के लिये लाइन लगाने तथा अन्य दिक्कतों से बचाने के लिये जनपद में बिछाई जा रही गैस लाइन से जगह-जगह पाइप लाइन टूट रही है तो फुटपाथ और सड़क भी क्षतिग्रस्त हो रहीं। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहरियों का कहना है कि निजी कंपनी द्वारा खोदाई के तत्काल बाद मरम्मत की व्यवस्था करनी चाहिए।

शांतिनगर मोहल्ले में बीस दिन से आपूर्ति बाधित

शहर के शांतीनगर ओवरहेड टैंक के पास बसी बस्ती में पाइप लाइन बिछाने के काम में पेयजल लाइन टूट गई। बीस दिनों से पाइप लाइन टूटी पड़ी हुई है। स्थानीय लोगों के द्वारा शिकायत भी की गई है लेकिन तबज्जो नहीं मिली। खोदाई के चलते आवागमन की दिक्कत हो रही है। लोगों का आना जाना मुश्किल हो रहा है। पेयजल लाइन को लेकर पालिका प्रशासन का कहना है कि गैस कंपनी से बात की जाएगी। अगर वह जल्द पाइप लाइन की मरम्मत को पूरा नहीं करती है शासन को विधिक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा।

इन शर्तों पर पाइप लाइन बिछाने को मिलती अनुमति

दो साल पहले तक निकाय क्षेत्र में भूमिगत काम में तोडफ़ोड़ के लिए कङ्क्षटग एस्टीमेट बनाया जाता था। संबंधित फर्म निकाय को पहले भुगतान किया करते थे। जिसमें एक किमी का करीब 10 लाख रुपये निकाय को मिलते थे। बदले हुए नियम के तहत डेढ़ साल से एक नया आदेश आ गया है। जिसमें शासन के निर्देश के तहत संबंधित फर्म को एक किमी में एक हजार रुपये का शुल्क निकाय में जमा करना है। टूट फूट का काम पूरा न किए जाने पर यह राशि ही पालिका जब्त कर सकती है। वहीं इसकी शिकायत शासन को करनी पड़ती है। नए आदेश के चलते निकायों के हाथ बंध गए हैं।

मरम्मत न की तो जब्त होगी जमानत राशि

अधिशाषी अधिकारी मीरा सिंह ने कहा कि शासन के नए नियम के तहत पालिका ने अनुमति दी है। टूट-फूट आदि का जिम्मा संबंधित कंपनियों गैस, संचार की होती है। कंपनियों के द्वारा अगर मरम्मत का काम नहीं किया जाता है तो कंपनियों द्वारा जमा की जाने वाली सिक्योरिटी राशि जब्त करके शासन को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा। दिक्कतें न हों इसके लिए कंपनियों से भी संपर्क किया जा रहा है।  

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