अर्मापुर-विषधन मार्ग के लिए 120 हेक्टेयर भूमि की जरूरत, वन मंत्रालय देगा अनुमति

अर्मापुर से विषधन तक नहर पटरी को फोरलेन मार्ग बनाने में वन आरक्षित भूमि भी शामिल है जिसके लिए पीडब्ल्यूडी को वन मंत्रालय की अनुमति लेनी होगी। विभाग को पौधारोपण और रखरखाव के लिए 12 करोड़ रुपये चाहिये।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 07:57 AM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 07:57 AM (IST)
अर्मापुर-विषधन मार्ग के लिए 120 हेक्टेयर भूमि की जरूरत, वन मंत्रालय देगा अनुमति
नहर पटरी पर फोरलेन सड़क बनाने की तैयारी।

कानपुर, जागरण संवाददाता। अर्मापुर से विषधन तक नहर पटरी पर फोरलेन सड़क के निर्माण के लिए 120 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है। यह भूमि वन विभाग की है। वन विभाग ही पीडब्ल्यूडी को यह भूमि हस्तांरित करेगा। इसे वन संरक्षित श्रेणी में रखा गया है। वन विभाग ने भूमि और पेड़ों का मूल्यांकन कर पीडब्ल्यूडी को एस्टीमेट भेज दिया है। वन विभाग ने कहा है कि नए पौधों को लगाने, उनके 10 साल तक रखरखाव आदि कार्यों पर 12 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कुल 34 गांवों से होकर यह नहर गुजर रही है और सभी गांवों में पीडब्ल्यूडी को भूमि चाहिए। जल्द ही यह नहर पटरी ङ्क्षसचाई विभाग की ओर से पीडब्ल्यूडी को हस्तांतरित की जाएगी।

अर्मापुर से विषधन तक 67 किमी लंबी सड़क बनाई जानी है। यह सड़क नहर की बायीं पटरी पर बनेगी और इसे कन्नौज के जनखत मंडी के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे से जोडऩे की योजना है । पीडब्ल्यूडी ने सड़क की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर ली है और इसकी लागत 1409 करोड़ रुपये बताई है। इसमें सड़क निर्माण, बिजली के पोल, पेड़ों की कटान, नए पौधे लगाने, पुलिया की चौड़ाई बढ़ाने आदि का कार्य शामिल है। मंडलायुक्त की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति ने यह सर्वे कराया है। अब वन विभाग ने पेड़ों, भूमि क्रय मूल्य आदि का आकलन करके अपनी रिपोर्ट भेज दी है।

वन विभाग और पीडब्ल्यूडी की टीम जल्द मुआयना करेगी और फिर तय होगा कि कितना रुपया वन विभाग को दिया जाएगा। इसके बाद शासन को प्रस्ताव जाएगा। वन संरक्षित भूमि को सामान्य भूमि घोषित करने के लिए कैबिनेट को भी प्रस्ताव भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी के बाद अधिसूचना जारी होगी और फिर सड़क निर्माण के लिए बनाई गई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को मंजूरी मिलेगी। वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली वित्त एवं व्यय समिति के पास पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता की अध्यक्षता वाली कमेटी रिपोर्ट भेजेगी, वहां से मंजूरी के बाद बजट पास होगा। इस मार्ग के बन जाने से कानपुर दक्षिण ही नहीं उत्तर के लोग भी आसानी से कन्नौज, नोएडा, आगरा, मथुरा आ जा सकेंगे।

इन गांवों से होकर गुजर रही नहर : रहमीपुर विषधन, खरपतपुर, उदयभानपुर, उचा, मनावा, ककवन, गढ़ेवा, भीटी कुर्सी, कमालपुर, खोदनपर, सुज्जापुर, सखरेज, रामपुर सखरेज, टकटौली, कीरतपुर, भौसाना, रामनगर, टोडकपुर, जगतपुर, कुर्मी खेड़ा, विरोह, सरदारपुर, सहज्योरा, हुल्कापुर, इंदलपुर, जुगराजपुर, पचोर, पेम, कुरसौली, लोधर, पुरवा नानकारी, बारासिरोही, मिर्जापुर।

-उच्चस्तरीय समग्र विकास समिति की बैठक में प्रोजेक्ट पर चर्चा होगी। यह प्रोजेक्ट यातायात को गति देने में बहुत ही उपयोगी है। इस प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने के लिए एक कमेटी गठित की गई है। -डा. राजशेखर, मंडलायुक्त

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