हरिद्वार कुंभ में संक्रमित हुए लाल बाबा ब्रह्मलीन, सैफई कोविड-19 अस्पताल में देह त्यागी

लाल बाबा उन दिनों चर्चा में आए जब वे 1990 में श्रीराम मंदिर आंदोलन के तहत महेवा ब्लाक क्षेत्र के करीब 500 शिष्यों के साथ गिरफ्तारी देकर उन दिनों भरथना नगर में स्थित आर्य श्यामा बालिका इंटर कॉलेज में बनाई गई अस्थाई जेल में करीब एक सप्ताह तक रहे।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 09:25 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 09:25 PM (IST)
हरिद्वार कुंभ में संक्रमित हुए लाल बाबा ब्रह्मलीन, सैफई कोविड-19 अस्पताल में देह त्यागी
कोरोना से संक्रमित होकर जूना अखाड़ा के अंतर्राषट्रीय प्रचार मंत्री लाला बाबा शरीर त्यागा

इटावा, जेएनएन। शहर के संत शिरोमणि लाल बाबा के नाम से प्रख्यात जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रचार मंत्री एवं हनुमान गढ़ी के महंतश्री 70 वर्षीय आनंदेश्वर गिरी महाराज को मंगलवार को कोरोना वायरस ने ब्रह्मलीन कर दिया। बीते चार दिनों से वे लखनऊ-कानपुर के अस्पताल में भर्ती होने को भटक रहे थे, बाद में सैफई स्थित कोविड-19 अस्पताल में लाया गया, वहां उन्होंने थोड़ी देर में प्राण त्याग दिए। उनके देहावसान से भक्तों और शिष्यों मेें शोक व्याप्त है।

बताया गया कि लाल बाबा उन दिनों चर्चा में आए जब वे 1990 में श्रीराम मंदिर आंदोलन के तहत महेवा ब्लाक क्षेत्र के करीब 500 शिष्यों के साथ गिरफ्तारी देकर उन दिनों भरथना नगर में स्थित आर्य श्यामा बालिका इंटर कॉलेज में बनाई गई अस्थाई जेल में करीब एक सप्ताह तक रहे। उन दिनों लाल बाबा ब्लाक महेवा अंतर्गत ग्राम दिलीपनगर में प्राचीन शिव एवं मां कामाख्या देवी मंदिर के महंत हुआ करते थे। 1992 में संत समिति के बह्मलीन मुक्तानंद सरस्वती के साथ काफी संख्या में शिष्यों के साथ अयोध्या गए थे। इसके बाद लाल बाबा इस कदर प्रख्यात हुए कि शहर में यमुना नदी किनारे राजा सुमेर सिंह किला के समीप स्थित हनुमानगढ़ी के महंत हो गए और यहां रहने लगे। चार साल पूर्व शहर किनारे गांव चितभवन में मां कामाख्या देवी के भव्य मंदिर निर्माण में उनका काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा।  

chat bot
आपका साथी