Makhi Kand: कोर्ट की टिप्पणी से Kuldeep Sengar के समर्थकों में उल्लास, पीड़िता ने हाईकोर्ट जाने की कही बात

Kuldeep Sengar News 28 जुलाई 2019 को पीडि़ता अपनी चाची मौसी और वकील के साथ रायबरेली जेल में बंद चाचा से मिलने के लिए कार से रायबरेली जा रही थी। तभी गुरुबक्स्गंज के बाद उनकी कार में एक ट्रक ने जबरदस्त टक्कर मार दी।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 03:55 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 03:55 PM (IST)
Makhi Kand: कोर्ट की टिप्पणी से Kuldeep Sengar के समर्थकों में उल्लास, पीड़िता ने हाईकोर्ट जाने की कही बात
कुलदीप सिंह सेंगर की खबर से संबंधित सांकेतिक फोटो।

उन्नाव, जेएनएन। Kuldeep Sengar News माखी दुष्कर्म कांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर खेमे के लिए दिल्ली तीस हजारी कोर्ट के निर्णय ने बड़ी राहत दी है। इसी के साथ हादसा और हत्या को लेकर चल रही अटकलों पर भी काफी कुछ विराम लगता दिख रहा है। इसी मामले में पीडि़ता के चाचा की तरफ से आरोपित बनाये गये अन्य आठ लोगों ने भी राहत की सांस ली है। 

बताते चलें कि 28 जुलाई 2019 को पीडि़ता अपनी चाची, मौसी और वकील के साथ रायबरेली जेल में बंद चाचा से मिलने के लिए कार से रायबरेली जा रही थी। तभी गुरुबक्स्गंज के बाद उनकी कार में एक ट्रक ने जबरदस्त टक्कर मार दी। इसमें पीडि़ता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी। जबकि, पीडि़ता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गये। बाद में वकील की भी उपचार के दौरान काफी समय बाद मौत हो गई थी। पीडि़ता के चाचा ने पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर, उनके भाई समेत 10 लोगों को नामजद और 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या के इरादे से दुर्घटना कराने का मुकदमा दर्ज कराया था। सीबीआइ ने कोर्ट में जो रिपोर्ट दाखिल की है उसमें घटना को हादसा बताया है। इसी मामले में शनिवार को तीस हजारी कोर्ट ने पीडि़ता के चाचा की तरफ से दिये गये प्रार्थना पत्र पर कहा कि सीबीआइ की रिपोर्ट  पर हम किसी आधार पर सवाल उठा सकते हैं। हमारे पास ऐसा कोई आधार ही नहीं है। जिससे यह साबित किया जा सके कि घटना हादसा नहीं बल्कि हत्या के इरादे से रची गई साजिश थी। बल्कि जो तथ्य उठाये गये हैं वह किसी रोचक कहानी का हिस्सा मात्र हैं। 

बोली, कुलदीप की बेटी: सजायाफ्ता पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की बड़ी बेटी ऐश्वर्या ने कहा कि न्यायालय के इस फैसले ने हम सभी को काफी राहत दी है। इस निर्णय के बाद हमें न्याय मिलेगा यह उम्मीद और बढ़  गई है। हमें  न्यायालय पर पूरा विश्वास और भरोसा है। 

चाचा की रिहाई को पीडि़ता ने राष्ट्रपति, प्रधामंत्री को लिखा पत्र: तीस हजारी कोर्ट की सीबीआई की चार्जशीट पर की गई टिप्पणी पर माखी कांड की दुष्कर्म पीडि़ता ने वैसे तो कुछ नहीं कहा है। लेकिन राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर तमाम लोगों को एक पत्र लिखते हुए परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने और बहनों की शादी में आ रही अड़चन का हवाला दिया है। पीडि़ता ने इस पत्र में अपने चाचा की कुछ समय के लिए ही सही पर रिहाई किये जाने की मांग भी की है।

दुष्कर्म पीडि़ता ने अपने पत्र में लिखा है कि उसके चाचा को जानबूझ कर एक झूठे मुकदमे में फंसाया गया है ताकि उन लोगों पर दबाव बन सके और उनकी रिहाई भी नहीं होने दी जा रही है। बल्कि यह कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिहाई पर रोक लगा रखी है। पत्र में यह भी लिखा है कि चाचा के जेल में होने के कारण अब उनके परिवार को भीषण आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। उसके साथ घटित हुई घटना के कारण बहनों की शादी भी नहीं हो पा रही है। इतना ही नहीं सजायाफ्ता विधायक के भाई अतुल ङ्क्षसह को बेल दे दी गई है। जिससे वह उसके मुकदमे में पैरवी करने वाले या मदद करने वालों को लगातार डरा धमका रहा है। पीडि़ता ने अपने पत्र के माध्यम से चाचा की रिहाई की मांग के साथ-साथ आरोपितों पर कार्रवाई की मांग भी की है।

पीड़िता हाईकोर्ट में देगी निचली अदालत के फैसले को चुनौती: रायबरेली हादसे को लेकर तीस हजारी कोर्ट के फैसले के बाद माखी कांड की पीड़िता अब हाईकोर्ट जाएगी।  

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