पूरी तरह सुरक्षित और आवश्यक है वैक्सीन, पढ़िए- आपके प्रश्न और विशेषज्ञ के जवाब

विश्वास न्यूज के सच के साथी वैक्सीन के लिए हां अभियान में विशेषज्ञों ने सभी से वैक्सीनेशन के लिए आह्वान किया। जीएसवीएम मेडिकल कालेज की उप प्राचार्य डा. रिचा गिरि और एमएलसी अरुण पाठक ने जागरूकता पर जोर दिया।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 08:53 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 08:53 AM (IST)
पूरी तरह सुरक्षित और आवश्यक है वैक्सीन, पढ़िए- आपके प्रश्न और विशेषज्ञ के जवाब
कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन जरूरी।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन अनिवार्य है, इसे नजरअंदाज ना करें। यह बात सोमवार को जीएसवीएम मेडिकल की उप प्राचार्य व मेडिसिन विभाग की प्रमुख डा. रिचा गिरि ने कही। वह विश्वास न्यूज की ओर से कानपुर के लिए 'सच के साथी, वैक्सीन के लिए हां अभियान के तहत आयोजित वेबिनार में बोल रही थीं।

उन्होंने कहा कि देश में कोरोना वायरस का प्रकोप भले कम हो रहा हो लेकिन थोड़ी सी असावधानी भारी पड़ सकती है, यदि किसी व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत हो या आक्सीजन स्तर 90 से कम हो तो डाक्टर के परामर्श से अस्पताल में भर्ती होना चाहिए। यदि किसी को शुगर, किडनी या लिवर की गंभीर बीमारी है तो उसे अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है। वेबिनार में विधान परिषद सदस्य अरुण पाठक ने बताया कि वैक्सीनेशन को लेकर कानपुर के युवा बहुत उत्साहित हैं। जिन लोगों में वैक्सीन को लेकर भ्रम है तो उन्हें समझना होगा कि वैक्सीन लगवाकर ही खुद को बचाया जा सकता है।

ऐसे लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। इंटरनल मेडिसिन के एमडी डा. अनंत पाराशर ने कहा कि वर्तमान में सभी वैक्सीन कोरोना वायरस के म्यूटेशन में प्रभावशाली हैं। जिन्होंने वैक्सीन की एक भी डोज ली, उन्हें ज्यादा संक्रमण नहीं हुआ। 'सच के साथी, वैक्सीन के लिए हांÓ मीडिया साक्षरता कार्यक्रम के तहत कानपुर में सोमवार को दूसरा वेबिनार था। इस दौरान फेक न्यूज की पहचान के तरीकों और इसके लिए आनलाइन मौजूद टूल्स के बारे में बताया गया। आइएफसीएन वैक्सीन ग्रांट प्रोग्राम के तहत 12 शहरों में यह कार्यक्रम हो रहा है।

इस तरह शांत की लोगों की जिज्ञासा

प्रश्न : कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक में कौन सी वैक्सीन प्रभावी है। -ऐश्वर्या मोटवानी।

उत्तर : तीनों वैक्सीन असरदार हैं। कोवैक्सीन की चार सप्ताह में दूसरी डोज लेनी होती है। कोविशील्ड की दूसरी डोज तीन माह में लगनी है। स्पूतनिक भी अच्छी है। इसलिए कोई भी वैक्सीन लगवा सकते हैं।

प्रश्न : लोगों को लगता है कि वैक्सीन लगवाने से मौत हो जाएगी। - शिवेंद्र त्रिवेदी।

उत्तर : ऐसा बिल्कुल नहीं है। अब तक वैक्सीन लगवाने के बाद सिर्फ एक मौत का मामला सामने आया है। वह भी बहुत अधिक एलर्जी से। अब तक करोड़ों लोगों को वैक्सीन लग चुकी हैं और एक मृत्यु से वैक्सीन ना लगवाने का निर्णय लेना सही नहीं है।

प्रश्न : तीसरी लहर 18 की उम्र से ऊपर वालों को प्रभावित करेगी या सिर्फ नीचे वालों को। - साक्षी।

उत्तर : अभी नहीं कहा जा सकता है कि यह 18 से नीचे के लोगों को प्रभावित करेगी या ऊपर। सभी को सावधान रहने की जरूरत है।

प्रश्न : घर की हेल्प वर्कर बुखार के डर से वैक्सीन नहीं लगवा रही कि कहीं छुट्टी ना लेनी पड़े। -महिमा बाजपेई।

उत्तर : वैक्सीन लगवाने के बाद बुखार के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में आराम की जरूरत होती है। इसलिए घरों में जो लोग काम कर रहे हैं उन्हें एक-दो दिन की छुट्टी देना मानवता के लिहाज से जरूरी है।

प्रश्न : लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार क्या कर रही है। -मिथलेश।

उत्तर : प्रदेश सरकार ने सबसे ज्यादा वैक्सीन लगवाई है। लोग वैक्सीन लगाने के लिए आकर्षित हों, इसके लिए पुरस्कार या प्रोत्साहन भी दिए जा सकते हैं।

ये भी शामिल हुए : हेमराज सिंह, मोहित तिवारी, अनिल सचान, राकेश तिवारी, अखिलेश यादव, शैलेंद्र द्विवेदी, राहुल मिश्रा।

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