बाइक या कार को मॉडीफाई कराया है तो जरूर पढ़ें ये खबर वरना हो सकती बड़ी मुसीबत

कानपुर शहर में बाइक और कार को माॅडीफाइ करा कर सड़कों पर दौड़ाने का चलन बढ़ गया है । कानपुर में ट्रैफिक पुलिस सख्त हो गई और बदलाव पर दस बाइकों के पंजीकरण निरस्त कर दिए हैं ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 12:58 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 12:58 PM (IST)
बाइक या कार को मॉडीफाई कराया है तो जरूर पढ़ें ये खबर वरना हो सकती बड़ी मुसीबत
कानपुर में दस बाइकों के रजिस्ट्रेशन निरस्त।

कानपुर, जागरण संवाददाता। अगर बाइक या कार मॉडिफाइ कराने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि आपका यह फैसला कहीं मुश्किल में न डाल दें। बाजार में बाइक और कार को माॅडीफाई करने वाले मैकेनिक की भरमार है लेकिन इससे पहले कानूनी तौर पर भी पंजीकरण में अनुमति जरूरी होती है। अगर ट्रैफिक पुलिस की जांच में ऐसा नहीं पाया जाता है तो भारी भरकम चालान भी हो सकता है। कानपुर शहर में ट्रैफिक पुलिस ने दस बाइकों के रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिए हैं।

जानिए- क्या है कानून

बाइक या कार माॅडीफाई कराने से पहले सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले के बारे में जरूर जान लें। सुप्रीम कोर्ट की पीठ के एक फैसले में कहा गया है कि वाहन में कोई भी संशोधन नहीं किया जाना चाहिए जो उस के निर्माता द्वारा कागजातों में अनुशंसित मूल विनिर्देशों से अलग हो। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 52 में कहा गया है कि स्वामी को ऐसे किसी संशोधन की मंजूरी नहीं है जो रजिस्ट्रेशन कागजात में उल्लिखित वाहन की मूल जानकारी या स्वरूप को बदल दे। इसमें उसकी मूल संरचना, इंजन, निकास, बड़े पहिये, तेज हॉर्न, चौड़े टायर और साइलेंसर आदि शामिल हैं, जिनका बदला जाना अनुचित माना गया है। यदि किसी भी नियम का उल्लंघन होता है तो वाहन मालिक को प्रति बदलाव पांच हजार रुपये का जुर्माना अथवा छह माह कैद की सजा हो सकती है।

क्या बदलाव हो सकते संभव

हालांकि कुछ बदलाव कराए जा सकते हैं लेकिन उसके लिए मानक के अनुसार आरटीओ की अनुमति अनिवार्य है। अगर किसी को ईंधन (जैसे सीएनजी किट स्थापित करना) संचालन का परिवर्तन रना है तो उसे केंद्रीय नियमों के तहत छूटों का पालन करना होगा। ईंधन विकल्पों के अलावा भी कुछ बदलाव संभव है लेकिन वो निर्माता द्वारा मूल विनिर्देशों के स्वरूप को बदलने वाले न हों। इसमें रंग बदलना, रेन विज़र्स, बंपर कॉर्नर प्रोटेक्टर आदि जरूरी बदलाव, टायरों का आकार बदलना और निर्माता और इंजन स्वैपिंग के निर्धारित सीमा में वाहन के ऊपरी संस्करण व निचले पहिए शामिल है, इसके लिए आरटीओ से अनुमति जरूरी है। बिना अनुमति माॅडीफाई वाहन का उपयोग निजी स्थान जैसे रेसिंग ट्रैक या फार्म हाउस में किया जा सकता है लेकन सार्वजनिक रूप से सड़कों पर ले जाने पर पुलिस जब्त करके चालान कर सकती है। इस तरह के वाहनों पर नजर रखने के लिए पुलिस ने चेक-प्वाइंट बनाए हैं।

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