ये है कानपुर की टीम इलेवन, 17 साल से डटकर मैदान में कर रही मुकाबला

कानपुर शहर में ग्यारह महिलाओं की टीम ने कुरितयों के खिलाफ जंग छेड़कर मुहिम चला रखी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 02:57 PM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 04:39 PM (IST)
ये है कानपुर की टीम इलेवन, 17 साल से डटकर मैदान में कर रही मुकाबला
ये है कानपुर की टीम इलेवन, 17 साल से डटकर मैदान में कर रही मुकाबला

कानपुर, जेएनएन। टीम-11, सुनते ही निश्चित ही जेहन में किसी खेल की टीम का अक्स बनता होगा लेकिन कानपुर की यह टीम ऐसी नहीं है। यह न तो किसी खेल से जुड़ी है और न ही इसमें कोई खिलाड़ी है, यह टीम तो सामाजिक कुरितयों से लड़ने वाली है। महिलाओं की यह टीम 17 साल से मैदान में डटकर मुकाबला कर रही है। दो मामलों की बानगी से ही इसके कार्य का पता चलता है...। 

केस-1 : लालबंगला से अनीता ने फोन कर बताया कि वह अभी पढऩा चाहती हैं। घर वाले जबरन निकाह पर जोर दे रहे हैं। इस पर लक्ष्य संस्था की टीम चकेरी थाने पहुंची। पुलिस की मदद से परिवार को समझाकर बेटी को आगे पढ़ाने के लिए राजी किया।

केस-1 : गोविंद नगर कच्ची बस्ती की 16 वर्षीय किशोरी की शादी उसके स्वजन ने तय कर दी। लक्ष्य संस्था के पास मामला पहुंचने पर वर पक्ष से संपर्क कर कानूनी जानकारी देकर बाल विवाह नहीं करने का अनुरोध किया। दोनों पक्षों को बैठाकर किशोरी के बालिग होने पर शादी के लिए राजी किया।

ये दो मामले तो महज बानगी हैं। बाल विवाह जैसे अभिशाप के खिलाफ लक्ष्य संस्था की टीम इलेवन ने जंग छेड़ रखी है। इस कुरीति के खिलाफ पूरी टीम मैदान में है। महानगर में बाल विवाह के मामले पता चलते ही आगे आकर उनको रोकने में कामयाबी पाई है। स्वजन को समझाकर उनमें साहस पैदा किया है। इसके साथ ही संस्था बेटियों की शिक्षा, कन्या भ्रूण हत्या, महिला उत्पीडऩ, बाल यौन शोषण, नशे के खिलाफ भी मुहिम चलाकर आधी आबादी की आवाज बनकर काम कर रही है।

टीम में ये 11 महिलाएं शामिल

किदवई नगर निवासी अनीता दुआ ने वर्ष 2003 में इंदू कश्यप, सुनीता सुमन, बरखा आहूजा, शांती समेत 11 महिलाओं को जोड़कर लक्ष्य संस्था की नींव रखी थी। शुरुआत में भले दिक्कतें आईं, लेकिन अब महिला अपराधों के खिलाफ आवाज उठाने में जरा सा भी नहीं हिचकती हैं।

13 बाल विवाह रोके, शिविरों से जागरूकता

लक्ष्य संस्था की अध्यक्ष अनीता दुआ बताती हैं कि 17 साल में उनके पास तक 13 मामले आए। कभी किशोरी ने फोन किया तो कई बार पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने सूचना दी। पूरी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर पहले समझाया, बात नहीं बनने पर पुलिस व प्रशासन की मदद के साथ कानून का भय दिखाकर बाल विवाह रोका। अब वह शिविर लगाकर बाल विवाह रोकने को लेकर मलिन बस्तियों में जागरूकता फैला रही हैं। क'ची बस्ती गोविंद नगर, दादा नगर, जाजमऊ, मीरपुर, कल्याणपुर सीटीएस बस्ती में शिविर लगाकर लोगों को समझा रही हैं।

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