कानपुर में खेत गए किशोर का रेलवे कॉरिडोर के पास कुचला मिला शव, स्वजन ने लगाया जाम

घुरूवाखेड़ा निवासी प्लंबर अरुण सिंह का 17 वर्षीय बेटा ललित कुमार इंटर का छात्र था। वह शनिवार सुबह रेलवे कॉरिडोर के पास स्थित खेतों की ओर जाने की बात कहकर घर से पैदल निकला था। दोपहर को उसका शव कॉरिडोर के पास औंधे मुंह कुचला हुआ मिला।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 05:08 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 05:08 PM (IST)
कानपुर में खेत गए किशोर का रेलवे कॉरिडोर के पास कुचला मिला शव, स्वजन ने लगाया जाम
पुलिस ने घटना का खुलासा कर कार्रवाई का भरोसा दिलाकर शांत कराया

कानपुर, जेएनएन। बिधनू घुरूवाखेड़ा गांव में निर्माणधीन रेलवे कॉरिडोर के पास शनिवार सुबह खेत की ओर गए 17 वर्षीय किशोर का शव कुचला हुआ मिलने से सनसनी फैल गई। रेलवे कॉरिडोर को मिट्टी ले जाने वाले डंपरों के कुचलने की आशंका जताई जा रही है। स्वजन हत्या का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया। पुलिस ने घटना का खुलासा कर कार्रवाई का भरोसा दिलाकर शांत कराया।

घुरूवाखेड़ा निवासी प्लंबर अरुण सिंह का 17 वर्षीय बेटा ललित कुमार इंटर का छात्र था। वह शनिवार सुबह रेलवे कॉरिडोर के पास स्थित खेतों की ओर जाने की बात कहकर घर से पैदल निकला था। दोपहर को उसका शव कॉरिडोर के पास औंधे मुंह कुचला हुआ मिला। निर्माणाधीन कॉरिडोर के लिए मिट्टी ले जाने के रास्ते पर शव मिलने से मिट्टी में लगे डंपरों के कुचलने का अनुमान लगाया जा रहा है। दोपहर को रास्ते से गुजरे कुछ ग्रामीणों ने ललित का शव देख स्वजन व पुलिस को सूचना दी। स्वजन ने शव रास्ते पर रखकर हत्या का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी विनोद कुमार सिंह ने घटना का राजफाश कर डंपर को पकड़ के कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिसके बाद स्वजन शांत हुए।

दो बेटियों के बीच अकेला बेटा था ललित : अरुण ने बताया कि उनकी दो बेटियों के बाद ललित इकलौता बेटा था। इन मिट्टी लदे डंपरों ने घर का चिराग बुझा दिया। आरोप है कि उनके बेटे की डंपर से कुचलकर हत्या की गई है। ललित का शव देख मां रानी और दोनों बहनों का रो रोकर बुरा हाल है।

दो माह पहले महिला की मौत पर फूंकी गई थी चौकी : दो माह पहले 29 जनवरी की शाम घुरवाखेड़ा स्थित मायके से फुफेरे भाई संग लौट रही कुल्हौली गांव निवासी 45 वर्षीय माया पाल क भी मिट्टी लदे डंपर ने कुचल दिया था। जिसके बाद घुरूवाखेड़ा के ग्रामीणों ने डंपर समेत कोरियां पुलिस चौकी में आग लगा दी थी, जिसके बाद पुलिस ने करीब दो सौ ग्रामीणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी, जिससे डरे ग्रामीणों इस दूसरी घटना में कोई भूमिका नहीं दिखाई। जबकि पीडि़त स्वजन पुलिस से न्याय की गुहार लगाते रहे। 

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