अभी कई रहस्य खुलने हैं बाकी, खंगाली जाने लगीं फाइलें

कागज पर सड़क बनाकर 72 करोड़ रुपये डकारने की साजिश का मामला

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Oct 2018 04:06 PM (IST) Updated:Fri, 12 Oct 2018 04:06 PM (IST)
अभी कई रहस्य खुलने हैं बाकी, खंगाली जाने लगीं फाइलें
अभी कई रहस्य खुलने हैं बाकी, खंगाली जाने लगीं फाइलें

जागरण संवाददाता, कानपुर : कागज में सड़क बनाकर 72 करोड़ रुपये डकारने के मामले में अभी और रहस्य खुलने बाकी हैं। अब बैरी अकबरपुर बांगर में आराजी संख्या की भूमि से जुड़ी फाइलों को खंगाला जा रहा है। इन फाइलों की जांच हो जाए तो कागजों में दबी केडीए की जमीन बाहर आएगी। कई अफसरों व कर्मचारियों पर गाज गिरेगी।

इंदिरा नगर क्षेत्र में कागज में सड़क बनाकर मुआवजे के 72 करोड़ रुपये डकारने के मामले में केडीए उपाध्यक्ष किंजल सिंह व जिला प्रशासन द्वारा कराई गई जांच में रहस्य खुलते जा रहे हैं। जिस आराजी संख्या 1098 वाली जमीन में 5838 वर्गमीटर को कब्जेदार अपनी बता रहा था वह भूमि केडीए की निकली। उल्टे शिकायत करने वालों पर 2500 वर्गमीटर से ज्यादा जमीन निकल आई। इस मामले में अब तक एक दर्जन अमीन, तहसीलदार व अभियंताओं पर कार्रवाई हो चुकी है। अब बैरी अकबरपुर बांगर में आराजी संख्या चार से जुड़े दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है। इसमें केडीए की जमीन है पर कब्जा दूसरे लोगों ने कर रखा है। अभियंताओं की मेहरबानी से केडीए की ही जमीन पर प्लाटिंग हो गई और बिना नक्शे के निर्माण हो गए। इसमें एक सील इमारत का भी निर्माण करा दिया गया। ऐसे में देखा जा रहा है कि नक्शा अगर पास हुए तो क्या आधार था। इससे सक्रिय रैकेट में खलबली मची हुई है। सीसीटीवी कैमरों में भी देखा जा रहा है कि जिन पर कार्रवाई हुई है, उनसे कौन-कौन मिल रहा था। प्राधिकरण सूत्रों के अनुसार अभी कई रहस्य खुलने बाकी हैं।

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मुआवजा को लेकर होने वाली सुनवाई की तिथि बढ़ी

इंदिरा नगर क्षेत्र में जगह के बदले सड़क बनाने के मामले में मुआवजा को लेकर हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई की तिथि बढ़ गई है। केडीए सचिव केपी सिंह ने बताया कि तिथि बढ़ गई है। अभी नई तिथि तय नहीं हो पाई है।

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लापरवाही से नहीं अपलोड हो पाए टेंडर

कर्मचारियों की लापरवाही से पांच करोड़ के विकास कार्यो के टेंडर फार्म ही अपलोड नहीं हो पाए। इसके चलते अब टेंडर 17 अक्टूबर को नगर निगम ने आमंत्रित किए है। दैनिक जागरण ने प्रमुखता से मामले का पर्दाफाश किया था। टेंडर की तिथि 11 अक्टूबर से एक पखवारे पहले तय हो जाने के बाद भी दस अक्टूबर तक पांच कामों के टेंडर फार्म ही अपलोड नहीं हो पाए। पांच करोड़ रुपये में 82 लाख के टेंडर फार्म अपलोड ही नहीं हो पाए। ठेकेदारों ने आक्रोश जताया तो मामला खुला। ठेकेदारों ने कहा कि जानबूझकर यह टेंडर फार्म अपलोड नहीं किए गए है। किसी को देने की तैयारी की जा रही है। इसको लेकर बुधवार को ठेकेदारों ने नगर निगम में मुख्य अभियंता कार्यालय में आक्रोश व्यक्त किया था। दैनिक जागरण में गुरुवार को खबर प्रकाशित होने के बाद अफसरों की नींद टूट गई। सभी कामों के टेंडर की तिथि निरस्त कर दी। अब 17 अक्टूबर बुधवार तय की गई है। टेंडर फार्म जोन के अभियंत्रण विभाग के कर्मचारी लोड करते हैं। अब एनआइसी का सर्वे धीमा होने की बात कही जा रही है जबकि डिजाइन ही नहीं बनी थी तो कैसे टेंडर फार्म अपलोड हो जाते। मुख्य अभियंता मनीष सिंह ने बताया कि तिथि बढ़ा दी गई है। सर्वे या लापरवाही के कारण फार्म अपलोड नहीं हो पाए है इसको देखा जा रहा है। लापरवाही पर कार्रवाई की जाएगी।

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बिना सत्यापन करा दी रजिस्ट्री

कागज में सड़क बनाने के मामले की जांच अभी चल ही रही है। अब बिना सत्यापन कराए रजिस्ट्री कराने का मामला सामने आया है। इसमें केडीए द्वारा कार्रवाई की जा रही है। बर्रा पांच में भवन संख्या 103 मिनी एलआईजी की रजिस्ट्री मूल आवंटी नंद कुमार ने पॉवर ऑफ एटार्नी के माध्यम से दूसरे के नाम पर कर दी। रजिस्ट्री के समय कर्मचारियों ने सत्यापन नहीं कराया कि नंद कुमार जीवित है या नहीं। जबकि पॉवर ऑफ एटार्नी तभी तक विधिक मानी जाती है जब तक पॉवर ऑफ एटार्नी करने वाला व्यक्ति जीवित रहता है। इस मामले में जोन की कर्मचारी विनीता तिवारी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। कार्रवाई की जानकारी मिलने पर विनीता ने विरोध जताया। उन्होंने कहा कि उनको फंसाया जा रहा है। पदोन्नति नहीं की जा रही है। वह इस मामले में उपाध्यक्ष किंजल सिंह से मिली। उन्होंने सचिव केपी सिंह के पास भेज दिया। सचिव ने बताया कि अभी इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। कार्मिक से फाइल मंगाकर देखकर ही कुछ बता पाएंगे।

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फ्लैट पर कब्जा देने के आदेश की बढ़ेगी सीमा

ईडब्ल्यूएस के फ्लैट 25 फीसद और अन्य फ्लैट 50 फीसद पर देने के मामले के पुराने आदेश को केडीए बोर्ड से परिचालन के माध्यम से नए फ्लैटों में भी लागू कराया जाएगा।

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पार्षद काट रहे बरातशाला की रसीद

दलेलपुरवा में बरातशाला की रसीद खुद पार्षद छपवाकर काट रहे है। जबकि रसीद काटने का अधिकार नगर निगम के पास है। पार्षद राशिद आरफी नगर निगम की बरातशाला चीना पार्क के नाम पर रसीद काट रहे हैं। जनवरी 2019 की बुकिंग दिखाकर एक हजार रुपये की रसीद काटी गई है साथ ही दो सफाई कर्मचारी भी तैनात किए गए है। इसको लेकर क्षेत्रीय जनता में नाराजगी है। रसीद में नगर निगम का लोगो भी लगा है। महापौर प्रमिला पांडेय ने बताया कि इस मामले की जांच कराई जाएगी। पार्षद का कहना है कि पहले अवैध रूप से दिया कब्जा किया जा रहा है। एक हजार रुपये की रसीद काटी जा रही है। इससे दो कर्मचारियों का वेतन निकालकर जनवरी माह के अंतिम दिन नगर निगम के कोषागार में जमा करा दिया जाएगा।

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