KDA News Kanpur: अफसर देते रहते आदेश, कर्मचारियों को ढूंढ़े नहीं मिलती फर्जी रजिस्ट्री की फाइलें

कानपुर विकास प्राधिकरण में फर्जी रजिस्ट्री के मामले में कर्मचारियों की लापरवाही जगजाहिर है। मंडलायुक्त उपाध्यक्ष सचिव और अपर सचिव तक आदेश दे चुके हैं लेकिन कृष्णानगर के दो भूखंडों के छह माह से दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 11:54 AM (IST) Updated:Wed, 08 Sep 2021 11:54 AM (IST)
KDA News Kanpur: अफसर देते रहते आदेश, कर्मचारियों को ढूंढ़े नहीं मिलती फर्जी रजिस्ट्री की फाइलें
केडीए ऑफिस में भूखंडों की फाइलें नहीं मिलीं।

कानपुर, जेएनएन। फर्जी रजिस्ट्री के मामले में अफसर आदेश देते हैं और कर्मचारी उन्हें रद्दी की टोकरी में फेंक देते हैं। यही कारण हैं कि लगातार आदेशों के बावजूद फर्जी रजिस्ट्री मामले से जुड़ी फाइलें नहीं मिल रही हैं। कृष्णानगर योजना के दो भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री का मामला सामने आ चुका है, लेकिन छह माह से इसकी फाइल ही नहीं मिली। इसके अलावा भी विभिन्न स्थानों पर इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं।

दैनिक जागरण ने फर्जी रजिस्ट्री के मामले का पर्दाफाश किया था। इसके बताया गया था कि जोन तीन और चार में केडीए की आवासीय योजनाओं में खाली पड़े भूखंड या आवंटित भूखंडों की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कर बेचा जा रहा है। पूरे खेल में आधा दर्जन कर्मचारी शामिल हैं, लेकिन मास्टर माइंड एक कर्मचारी है। जूही, कृष्णानगर, साकेत नगर, किदवईनगर, पनकी, सुजातगंज, श्यामनगर समेत कई आवासीय योजनाओं में खेल किया गया है। ऐसे ही भूखंड संख्या 228 डब्ल्यू ब्लाक जूही, भूखंड संख्या 407 यू ब्लाक निराला नगर, और भूखंड संख्या एस 13 व एस 14 ब्लाक कृष्णानगर में आवंटन और जमा धन की रसीदें फर्जी लगाकर रजिस्ट्री कर दी गई। इसमें कृष्णानगर के दो भूखंडों की फाइल गायब है।

अब तक हुई कार्रवाई

-पूर्व विधायक नीरज चतुर्वेदी ने मंडलायुक्त डा. राजशेखर से 17 मार्च 2021 को फर्जी रजिस्ट्री की शिकायत की थी।

- पूर्व उपाध्यक्ष राकेश सिंह ने पूर्व संयुक्त सचिव केके सिंह को 20 मार्च 2021 को जांच के आदेश दिए थे।

- मंडलायुक्त डा. राजशेखर ने मामले की रिपोर्ट पांच अप्रैल 2021 तक आख्या के साथ मांगी थी।

- केडीए के अपर सचिव डा गुडाकेश शर्मा ने संयुक्त सचिव केके ङ्क्षसह को पांच जून 2021 को आदेश दिए कि उपाध्यक्ष ने 15 दिन में जांच रिपोर्ट देने को कहा था लेकिन नहीं दी गई। यह अत्यंत खेदजनक है।

- अपर सचिव ने नौ जुलाई 2021 को फिर विशेष कार्याधिकारी विक्रय जोन एक और तहसीलदार विक्रय जोन तीन को रिमाइंडर भेजा, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

यहां भी दबे फर्जी रजिस्ट्री के मामले : पनकी, साकेतनगर, ओ ब्लाक सब्जी मंडी, श्यामनगर, सुजातगंज, गंगापुर मछरिया, इंदिरानगर, लखनपुर, जूही।

फर्जी रसीद के लिए बना रखी बैंकों की मुहर : फर्जी रसीद बनाने के लिए दलालों ने बैंकों की मुहर बनवा रखी है। धन जमा करने की पर्ची में रकम लिखकर उसमें बैंक में जमा होने की रसीद लगा दी जाती है।

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