केडीए सोता रहा और सनिगवां में बस गईं अवैध कालोनी, 108 लोगों को नोटिस की तैयारी
केडीए दस्ते की जांच कागज पर होती रही और बिना लेआउट व नक्शा दर्जनों निर्माण हो गए हैं। मुकदमा दर्ज कराने के बाद अब 108 लोगों को नोटिस देकर कहीं प्राधिकरण फिर न भूल जाए। सनिगवां में सौ से ज्यादा अवैध निर्माध हो गए हैं।
कानपुर, जेएनएन। केडीए सोता रहा और 20 साल में चकेरी क्षेत्र के दहेली सुजानपुर में हाईवे से जुड़े सनिगवां में दर्जनों अवैध कालोनी बस गईं। 700 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन का मामला सामने आने पर प्राधिकरण के अफसर हरकत में आए हैं। मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही ग्राम समाज की जमीन पर बसी विश्वकर्मा कोऑपरेटिव सोसाइटी में कब्जेदार 108 लोगों को नोटिस भेजी जा रही है। एक बार आला अफसर निरीक्षण कर लें तो प्रवर्तन दस्ते की पोल खुल जाएगी। मौके पर बिना लेआउट के प्लाटिंग और दर्जनों निर्माण हो रहे हैं।
केडीए इस क्षेत्र में स्वर्ण जयंती विहार, हाईवे सिटी और विस्तार, अलकनंदा आवासीय योजना विकसित कर रहा है। यहीं पर कांशीराम आवासीय योजना बसाई गई है। वर्ष 2008 में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने योजना का निरीक्षण किया था। इस दौरान भी अफसर गए थे, लेकिन किसी ने भी केडीए की जमीन पर हो रहे कब्जे नहीं देखे। योजना तक पहुंचने के लिए ग्राम समाज की बसी विश्वकर्मा कोऑपरेटिव सोसाइटी से होकर ही गुजरना पड़ता है। अगर एक बार भी जांच हो जाती तो मामला पकड़ में आ जाता। अब अफसरों के हाथ पांव फूल रहे हैं कि कैसे निर्माण हटाएंगे।
प्रवर्तन दस्ते पर हर माह लाखों खर्च केडीए अवैध प्लाङ्क्षटग और निर्माण रोकने के लिए दस्ते पर हर माह लाखों रुपये खर्च कर रहा है, लेकिन नतीजा सिफर है। सनिगवां क्षेत्र में वर्तमान समय में लगभग 100 अवैध निर्माण हो रहे हैं। जागरण की टीम क्षेत्र में घूमी तो जगह-जगह पर निर्माण दिखाई पड़े। हालांकि, सुविधा शुल्क के आगे दस्ते को कुछ नहीं दिख रहा है। केडीए उपाध्यक्ष राकेश सिंह ने सख्त आदेश दिए हैं कि एक भी अवैध प्लाटिंग और निर्माण नहीं होने दिया जाए। पिछले दिनों खुद उपाध्यक्ष ने गंगा बैराज क्षेत्र में निरीक्षण करके दस्ते का खेल देखा था। आदेश के बाद कई अवैध प्लाटिंग हटाई जा चुकी हैं।