KDA जल्द ही कर सकता है बहुत बड़ा ऑपरेशन, 52 अवैध इमारतें व टाउनशिप चिह्नित

अब बस केडीए उपाध्यक्ष का कार्यभार देख रहे डीएम और मंडलायुक्त की मुहर लगना बाकी है। अगस्त माह से अभियान शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही अपनी सरकारी जमीन ओ ब्लाक सब्जी मंडी और बैराज में स्थित जमीन भी कब्जेदारों से खाली कराई जाएगी।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 08:15 AM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 08:15 AM (IST)
KDA जल्द ही कर सकता है बहुत बड़ा ऑपरेशन, 52 अवैध इमारतें व टाउनशिप चिह्नित
बैराज में स्थित जमीन भी कब्जेदारों से खाली कराई जाएगी

कानपुर, जेएनएन। प्रयागराज और लखनऊ की तर्ज पर शहर में भी अवैध निर्माण ढहाए जाएंगे। मंडलायुक्त के आदेश पर शहर में पहले चरण में 52 अवैध इमारतें और टाउनशिप चिह्नति हो रही है। अब बस केडीए उपाध्यक्ष का कार्यभार देख रहे डीएम और मंडलायुक्त की मुहर लगना बाकी है। अगस्त माह से अभियान शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही अपनी सरकारी जमीन ओ ब्लाक सब्जी मंडी और बैराज में स्थित जमीन भी कब्जेदारों से खाली कराई जाएगी।

मंडलायुक्त डा. राजशेखर के आदेश पर केडीए ने अवैध इमारतों और टाउनशिप की सूची तैयार करना शुरू कर दिया है। इसको लेकर केडीए शहर के चार जोनों में 13 अवैध इमारत और टाउनशिप की सूची तैयार कर रहा है। साथ ही क्रास चेक किया जा रहा है, अभियंताओं ने अपनों को बचाने के लिए कहीं दूसरी इमारतें को शामिल न कर दी हो। स्थिति यह है कि अभियंताओं और बिल्डरों की व्यावसायिक दोस्ती के चलते कागज में सील इमारतें मौके पर अपार्टमेंट बन गए या कांप्लेक्स खड़े हो गए है। आर्यनगर, अशोक नगर, जवाहर नगर, गोविंद नगर, किदवईनगर, कृष्णानगर, समेत कई इलाकों में अवैध निर्माण सील कर दिए गए। वर्तमान समय में पीरोड, सीसामऊ बाजार, जवाहर नगर, स्वरूपनगर, गोविंद नगर, किदवईनगर, शास्त्रीनगर, फजलगंज समेत कई इलाकों में निर्माण हो रहे है। सील की नोटिस भी है लेकिन कार्रवाई शून्य है। स्थिति यह है कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने की कवायद चल रही है लेकिन, इमारत बनाने के समय कहीं भी मानक का पालन नहीं हो रहा है। बिना पाॄकग के निर्माण कराया जा रहा है।

ढूंढा जा रहा इंदिरा नगर योजना का लेआउट : केडीए में फाइल गायब होना आम बात है। अब इंदिरा नगर योजना का लेआउट नहीं मिल रहा है। इसको अमला ढूंढ रहा है। सक्रिय रैकेट ने फर्जी रजिस्ट्री से जुड़े दस्तावेज कार्यालय से गायब कर दिए है। हालत यह है कि कर्मचारियों के रिश्तेदार केडीए में दलाली कर रहे है। बेरोकटोक फाइलों को देखते रहते है। कोई रोकने वाला नहीं है। फर्जी रजिस्ट्री से जुड़े मामलों की जांच हो जाए तो कई कर्मचारियों का फंसना तय है। योजनाओं में कार्यरत कर्मचारियों की संपत्तियों की जांच हो जाए तो खेल खुल जाएगा। केडीए में इंदिरानगर में एक प्लांट के निस्तारण को लेकर छानबीन चल रही है। लेआउट न होने के कारण काम रुक गया है। बताया जा रहा है कि इंदिरानगर में भी कई प्लाट फर्जी दस्तावेज लगाकर बेच दिए गए है। लेआउट मिल जाएगा तो एक-एक भूखंड की स्थिति साफ हो जाएगी। रोक के बाद भी केडीए में दलालों का कब्जा रहता है। दलाल सुबह से लेकर शाम तक बैठे रहते है। इसमें दो महिला दलाल भी है। इसके अलावा तमाम कर्मचारियों के रिश्तेदार या दोस्त काम कर रहे है। इनको बाकायदा पता रहता है कि कौन सी फाइल कहां रखी है। पनकी, सुजातगंज, ओ ब्लाक सब्जी मंडी किदवईनगर, बर्रा दो, डब्ल्यू टू जूही, इंदिरा नगर, साकेत नगर योजना को देख रहे या पूर्व में तैनात रहे कर्मचारियों की जांच हो जाए तो खेल खुल जाएगा। फर्जी तरीके से दलालों के साथ मिलकर केडीए के भूखंड फर्जी तरीके से बेच दिए है। कई कर्मचारी निलंबित किए गए है लेकिन वह रिश्तेदारों की आड़ में अभी भी खेल कर रहे है। केडीए सचिव एसपी सिंह ने बताया कि कार्रवाई की जाएगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

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