यूपीका की संपत्तियां खरीदने के लिए केडीए को पहले मिलेगा ऑफर, प्रस्ताव कैबिनेट भेजने की तैयारी
उप्र इंडस्ट्रियल कोआपरेटिव एसोसिएशन की संपत्तियां बेचने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों की मदद लेने की तैयारी की जा रही है। संपत्तियों की नीलामी के लिए शासन में प्रस्ताव लंबित है जिसे कैबिनेट में भेजने की तैयारी चल रही है।
कानपुर, जेएनएन। उप्र इंडस्ट्रियल कोआपरेटिव एसोसिएशन (यूपीका) के सर्वोदय नगर स्थित मुख्यालय भवन, शोरूम, प्रोडक्शन हाउस आदि संपत्तियों की नीलामी में सार्वजनिक उपक्रमों की मदद ली जाएगी। इसकी अनुमति लेने के लिए भेजा गया प्रस्ताव अभी शासन में लंबित है। अब इसे कैबिनेट में भेजने की तैयारी है। अनुमति मिलते ही केडीए व अन्य सरकारी विभागों के प्रमुखों के साथ प्रबंधन बैठक करेगा। जब ये विभाग संपत्तियों को खरीदने से मना करेंगे तब इन्हें नीलाम किया जाएगा। नीलामी के लिए उप्र वित्त निगम भारत सरकार के उपक्रम एमएसटीसी लिमिटेड (मेटल स्क्रैप ट्रेड कारपोरेशन) से बात कर रहा है। इसके अलावा अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की संस्था की भी मदद ली जाएगी।
यूपीका ने 1988 में कोआपरेटिव बैंक से 19 करोड़ रुपये लोन लिया था, जिसका ब्याज सौ करोड़ रुपये से अधिक हो गया। अब यूपिका की स्थिति अच्छी नहीं है। इससे वह सर्वोदय नगर स्थित अपनी संपत्तियां नीलाम करना चाहता है। इसी तरह हैंडलूम निगम भी अपनी संपत्तियों की नीलामी या बिक्री के लिए एमएसटीसी लिमिटेड या अन्य किसी संस्था की मदद लेगा।
केडीए ने विकास नगर में परिवहन निगम की भूमि पर सिग्नेचर सिटी स्थापित किया है। इस सिटी की स्थापना के लिए केडीए ने फ्लैटों की बिक्री से होने वाले लाभांश में निगम की हिस्सेदारी रखी है। 86 फ्लैट भी निगम को दिए हैं। अगर यूपीका की संपत्तियों की नीलामी के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली तो इसी तर्ज पर यूपीका प्रबंधन केडीए से बात करेगा। फिर लोन खत्म करने के लिए एक मुश्त समाधान योजना के तहत बैंक से बात करेगा।