वाहवाही लूटने के लिए केडीए ने मुर्दो को बना दिया भूमाफिया

पांच मृतकों के खिलाफ कराया गया मुकदमा, क्राइम ब्रांच ने केडीए को जानकारी व साक्ष्य के लिए दिया नोटिस

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Oct 2018 02:10 PM (IST) Updated:Fri, 05 Oct 2018 02:10 PM (IST)
वाहवाही लूटने के लिए केडीए ने मुर्दो को बना दिया भूमाफिया
वाहवाही लूटने के लिए केडीए ने मुर्दो को बना दिया भूमाफिया

केस एक : कल्याणपुर थाने में ईद मोहम्मद के खिलाफ भूमि पर कब्जे का मामला दर्ज कराया गया। विवेचना में पता चला कि आरोपित की मौत हो चुकी है।

केस दो : जमीन कब्जा करने के आरोप में गोविंदनगर में भगवती प्रसाद गुप्ता के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ। इनकी भी मौत हो चुकी है।

केस तीन : नौबस्ता में रामदयाल प्रजापति भी जमीन कब्जा करने के आरोपित के तौर पर मुकदमे में नामजद हैं। इनकी भी मौत हो चुकी है।

केस चार : चकेरी में प्रकाश और रामपाल के खिलाफ इसी तरह का मुकदमा लिखाया गया है। इन दोनों की भी मौत हो चुकी है।

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जागरण संवाददाता, कानपुर : भूमाफिया के खिलाफ सरकार के छेड़े अभियान में केडीए ने ताबड़तोड़ मुकदमे दर्ज करा अपनी पीठ थपथपवा ली। अब क्राइम ब्रांच मुकदमों की विवेचना में जुटी है तो उसका माथा चकरा रहा है। कुछ मामलों में तो केडीए ने मुर्दो को भूमाफिया बनाकर दर्ज करा दिया है। ऐसे पांच मामले अभी तक सामने आए हैं। सभी 32 मुकदमों में केडीए भूमि के विवरण से लेकर आरोपितों के खिलाफ सुबूत भी उपलब्ध नहीं करा रहा है। इससे अब केडीए पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं कि लापरवाही से ऐसा हुआ या भूमाफिया को राहत पहुंचाने के लिए कारस्तानी की गई। क्राइम ब्रांच ने केडीए प्रशासन को नोटिस भेजा है। इसमें सवाल उठाए गए हैं कि आपके दर्ज कराए गए मामले में प्रतिवादी की मौत हो चुकी है। मौजूदा वक्त में कौन कब्जेदार है? कब्जे वाली जमीन कहां पर है और किस आधार पर उसे चिह्नित किया गया है? किस आधार पर आरोपित बनाते हुए मामला दर्ज कराया।

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जो मामले खारिज, उनमें भी दोबारा मुकदमा

ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिसमें केडीए ने दोबारा मुकदमा दर्ज करा दिया। इन मामलों को पहले ही कोर्ट या प्रशासनिक स्तर पर खारिज किया जा चुका है। क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर केडीए की तरफ से कोई मदद न मिलने पर आला अधिकारियों को जानकारी देने के बाद नोटिस केडीए के नोडल अधिकारियों के माध्यम से मुकदमा दर्ज कराने वाले अमीन और तहसीलदारों को भेजी है।

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केडीए की तरफ से सरकारी जमीन पर कब्जे के कई मामले दर्ज कराए गए। विवेचकों ने आरोपितों के खिलाफ दस्तावेज उपलब्ध कराने को नोटिस दिया है। कई मामलों में प्रतिवादी की मौत कई साल पहले हो चुकी है। ऐसे मामलों की गंभीरता से जांच की जा रही है।

-राजेश यादव, एसपी क्राइम

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मामला संज्ञान में नहीं है। संबंधित लोगों से जानकारी करेंगे। लापरवाही पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-केपी सिंह, सचिव केडीए

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केडीए व प्रशासन की भूमि पर कब्जा, प्लाटिंग कर बेच दी

कागजों पर सड़क बनाकर 72 करोड़ रुपये डकारने की साजिश के मामले में जिला प्रशासन की जांच में नया खुलासा हुआ है। हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले शिकायतकर्ताओं ने जितनी जगह सड़क बनाने के लिए बताई है, उससे कम ही मौके पर मिली। वहां केडीए व प्रशासन की भूमि पर कब्जा करके प्लाटिंग बेचने की भी बात सामने आई है। मुआवजा न दिए जाने को लेकर हाईकोर्ट ने 12 सितंबर 2017 को आदेश दिए हैं कि केडीए दो माह में मुआवजा दे और ऐसा न होने पर डीएम के समक्ष प्रत्यावेदन देकर मुआवजा निर्धारित कराए। अब इस मामले में केडीए के साथ ही जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत ने भी जांच शुरू कर दी। जांच का जिम्मा एसडीएम सदर संजय कुमार को सौंपा गया है। जांच में पता चला कि जिस आराजी संख्या 1098 की 5638.76 वर्गमीटर जमीन सड़क के लिए दिए जाने की बात कहीं जा रही है वहां पर 1570 वर्गमीटर ही जमीन छोड़ी गई है। इसके अलावा जांच हुई तो चौकाने वाले तथ्य आए। शिकायत करने वालों ने ही सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। केडीए की आराजी संख्या 952 व 953 की पांच सौ वर्गमीटर और जिला प्रशासन की चकमार्ग के लिए जगह आराजी संख्या 1095 समेत अन्य आराजी की दो हजार वर्गमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया और उसे प्लाटिंग करके बेच दिया है। एसडीएम सदर ने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी। इस मामले में जिला प्रशासन भी अब कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। कब्जेदारों से अपनी जमीन खाली कराएगा।

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हाईकोर्ट में केडीए रखेगा अवमानना वाद पर अपना पक्ष

हाईकोर्ट में अवमानना वाद दाखिल होने के बाद जांच में खुले 72 करोड़ रुपये डकारने की साजिश के मामले में केडीए अपना पक्ष रखने की तैयारी कर रहा है। साजिश में शामिल पांच अमीन को पहले ही निलंबित कर दिया गया है और संविदा पर तैनात तहसीलदार को हटा दिया। साथ ही तीन तहसीलदार व तीन अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा गया है।

इंदिरा नगर योजना में कागज में सड़क निर्माण दिखाकर केडीए के अमीन, तहसीलदार व अभियंता ने गलत रिपोर्ट लगा दी। मुआवजे को लेकर मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया। जमीन के मालिक रमेश चन्द्र गुप्ता आदि ने वर्ष 2010 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की कि उनकी जमीन पर सड़क बनाने के एवज में मुआवजा दिया जाए। उनकी आराजी संख्या 1098 की 5838.76 वर्गमीटर जमीन पर बना दी गई है। इस मामले में वर्ष 2014 में केडीए बोर्ड बैठक ने जांच कराई तो अमीन व तहसीलदारों ने रिपोर्ट लगा दी कि इस जमीन का इस्तेमाल इंदिरा नगर मकड़ीखेड़ा में कर लिया गया है। मुआवजा न मिलने पर कोर्ट में अवमानना वाद दायर कर दिया। कोर्ट ने डीएम को आदेश दिए कि मुआवजा तय कर दिया जाए। 72 करोड़ रुपये मुआवजा निकला। उपाध्यक्ष किंजल सिंह ने फिर से जांच कराई तो 16 साल फर्जी तरीके से कागज में दिखाई गई सड़क मौके पर नहीं मिली। इस खेल में शामिल अफसरों पर कार्रवाई करके गुरुवार को शासन को रिपोर्ट भेज दी है। वहीं पूरे मामले को हाईकोर्ट में रखने के लिए केडीए अपने अधिवक्ताओं से रिपोर्ट तैयार करा रहा है। 11 अक्टूबर को याचिका दायर की जाएगी।

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मुआवजे से जुड़ी हर फाइल को खंगाला जा रहा

केडीए ने अब तक सबसे बड़ी कार्रवाई की है। एक साथ 12 अफसरों पर कार्रवाई की गई है। केडीए गठित वर्ष 74 से मुआवजे से जुड़ी एक-एक फाइल का परीक्षण किया जा रहा है। निलंबित अमीन व तहसीलदारों से जुड़ी फाइलों को जांचा जा रहा है। एक फर्जीवाड़ा का खेल सामने आया है तो और भी खेल है।

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हर संदिग्ध कर्मचारी व अफसरों पर नजर

हर संदिग्ध कर्मचारी व अफसरों पर नजर रखी जा रही है। कई बार निलंबित हुए जमीन से जुड़े मामलों में कर्मचारियों की फाइल पर खास नजर रखी जा रही है।

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अरबों रुपये के भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री

पनकी, बर्रा, साकेत नगर, डब्ल्यू ब्लाक जूही, किदवईनगर, श्यामनगर समेत कई जगह पचास से ज्यादा भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री का मामला पकड़ जा चुका है। केडीए के अरबों रुपये के भूखंडों को दूसरों के नाम पर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कर दी गई। कार्रवाई के नाम पर केवल उपसचिव समेत चार अफसरों व कर्मचारियों पर ही कार्रवाई हुई थी। कई फर्जी रजिस्ट्री कराने वालों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। अभी भी काकादेव, इंदिरा नगर में जांच हो तो कई फर्जी रजिस्ट्री पकड़ में आएगी।

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ग्राम समाज की जमीन पर भी कब्जे

केडीए की अरबों रुपये की ग्राम समाज की जमीन पर लोगों ने कब्जे कर रखे है। कई बार अभियान चलाकर खाली कराए गए लेकिन फिर लोगों ने कब्जा कर लिया।

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