केडीए के दस्तावेज में सिर्फ पांच अवैध कालोनी

-प्राधिकरण ने शासन को भेजी रिपोर्ट में कहा, नियमानुसार की जा रही कार्रवाई

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Aug 2018 05:19 PM (IST) Updated:Fri, 24 Aug 2018 05:19 PM (IST)
केडीए के दस्तावेज में सिर्फ पांच अवैध कालोनी
केडीए के दस्तावेज में सिर्फ पांच अवैध कालोनी

जागरण संवाददाता, कानपुर : शहर में दर्जनों अवैध कालोनियां बसी होने के बाद भी केडीए के दस्तावेज में अवैध रूप से विकसित अनाधिकृत सिर्फ पांच कालोनियां ही हैं। प्राधिकरण ने खुद आवास विकास विभाग के प्रमुख सचिव को रिपोर्ट भेजी है।

शहर की 152 सोसाइटियों के नियमितीकरण को लेकर पिछले कई वर्षो से शासन स्तर पर मामला चल रहा है। अनाधिकृत कालोनियों के बाबत आवास विकास विभाग ने पिछले दिनों केडीए से रिपोर्ट मांगी थी। उपाध्यक्ष सौम्या अग्रवाल द्वारा आठ अगस्त को आवास विकास विभाग के प्रमुख सचिव को भेजी रिपोर्ट में कहा गया है कि अवैध रूप से विकसित अनाधिकृत कालोनियों को चिह्नित कर लिया गया है। इसमें टीचर्स कोआपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी दहेली सुजानपुर, जवाहर लाल रोहतगी हाउसिंग सोसाइटी सुजातगंज, कृष्ण गृह निर्माण यशोदानगर, मॉडर्न सरकारी आवास समिति बर्रा व कनवार हाउसिंग सोसाइटी विनायकपुर चौरा हैं। केडीए को वाह्यं विकास शुल्क के रूप में अनुमानित 109 करोड़ रुपये की हानि हो रही है। उप्र नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा 26, 27 व 28 के तहत नियमानुसार कार्रवाई की गई है। निर्माणकर्ताओं को नोटिस जारी कर सुनवाई की जा रही है। गलत होने पर ध्वस्तीकरण किया जा रहा है। पत्र में कहा गया है कि रेरा प्रभावी होने के बाद विकसित होने वाली अनाधिकृत कालोनियों में अधिनियम 1973 की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।

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ये है शहर की हकीकत

अवैध सोसाइटी- 152

यहां पर- पशुपति नगर, शंकराचार्य नगर, मिर्जापुर, अशोक नगर खलवा, गोपाल नगर, दामोदर नगर, कर्रही समेत कई इलाके सोसाइटी क्षेत्र के हैं। इन इलाकों के में धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं।

समस्या - जलापूर्ति, सीवर, ड्रेनेज, सड़क

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अभियंताओं की मेहरबानी से हो रही प्लाटिंग

केडीए अभियंताओं की मेहरबानी से रोक के बाद भी बिठूर के साथ ही शहर के अविकसित इलाकों में प्लाटिंग चल रही है। नौबस्ता, कल्याणपुर, महाराजपुर, मैनावती मार्ग, सिंहपुर, रुमा समेत कई जगह बिल्डर कृषि जमीन को बिना भूउपयोग परिवर्तन किए निर्माण करा रहे हैं। इसका खामियाजा खरीदने वालों को भुगतना पड़ता है। लोग सस्ते के चलते भूखंड खरीद लेते हैं पर बाद में पता चलता है कि सुविधाएं है ही नहीं। बारिश में सीवर व ड्रेनेज सिस्टम न होने से वहां पानी भर जाता है। इसी का नतीजा है कि पांडु नदी की जमीन पर प्लाटिंग करके भूमाफिया ने बेच दी। अब जब क्षेत्र में जलभराव हुआ तो खुलासा हुआ। इसी तरह बिठूर की तरफ शहर का तेजी से विस्तार हो रहा है पर अनियोजित विकास मुसीबत बनता जा रहा है। केडीए की फ्लैट योजनाओं के आसपास लोगों ने अवैध प्लाटिंग कर ली है। भूमाफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि दूसरों की जमीन पर निकलने के लिए रैंप बना दिए

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