कन्या सुमंगला योजना : पांच बच्चों वाले अभिभावकों को दिया लाभ, अब लेखपाल और कानूनगो पर कार्रवाई की तैयारी
कानपुर में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में गलत रिपोर्ट देने वालों को चिह्नित करके डीएम को रिपोर्ट भेजी गई है। इसमें सदर तहसील के लेखपाल और कानूनगो पर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है। एसडीएम को अंधेरे में रखकर कई फार्म खुद ही अग्रसारित कर दिए थे।
कानपुर, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में गलत रिपोर्ट लगाने वाले सदर तहसील के लेखपाल और कानूनगो के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई होगी। उन्हें चिन्हित किया जा रहा है। रिपोर्ट डीएम विशाख जी अय्यर को भेजी जाएगी। अभी सिर्फ बिल्हौर तहसील के तीन कानूनगो, 23 पंचायत सचिवों और सदर तहसील के एक संविदा कर्मी के खिलाफ कार्रवाई हुई है। संविदा कर्मी के बदले में जिस कर्मी को काम सौंपा गया है उसकी भूमिका भी संदेह के घेरे में है। अब इसकी जांच होगी कि कहीं उसके द्वारा भी गलत तरीके से किसी फार्म को अग्रसारित तो नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में चार से पांच बच्चों के अभिभावकों को भी लाभ दिया गया है। डीएम द्वारा कराई गई जांच में कुल 258 अपात्रों को योजना का लाभ देने के लिए कानूनगो, पंचायत सचिव और लेखपालों ने रिपोर्ट अग्रसारित की थी। सदर तहसील कार्यालय में तैनात संविदा कर्मी देवेंद्र ने तो एसडीएम को अंधेरे में रखकर कई फार्म खुद ही अग्रसारित कर दिए थे।
हालांकि उस पर मुकदमा दर्ज हुआ और उसे हटाया भी गया, लेकिन जिस कर्मी को उसके स्थान पर तैनात किया गया है, उसके खिलाफ भी इसी मामले में गड़बड़ी का आरोप है। सदर तहसील के शहरी क्षेत्र में लेखपालों और कानूनगो ने भी कई अपात्रों को पात्र बनाया है। ऐसे में अब उनके नाम की सूची तैयार की जाएगी और फिर उनके विरुद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होगी। तहसीलदार सदर रितेश सिंह का कहना है कि मामले में जो भी दोषी हैं उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।