चोट को संक्रमण मुक्त रखने वाले बैंडेज को ग्लोबल बिजनेस में मिला स्थान, आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत किया गया तैयार

आत्मनिर्भर भारत के तहत नवाचार पर देश के 10 अमेङ्क्षजग इनोवेशन में बनाई जगह। पट्टी के वेंटीलेशन से घाव जल्द भरता है किसी बैक्टीरिया का खतरा भी नहीं रहता। अभी इस तरह की मेडिकल पट्टी भारत में नहीं बनी है जिसमें अतिसूक्ष्म छिद्र हों।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 05:37 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 05:37 PM (IST)
चोट को संक्रमण मुक्त रखने वाले बैंडेज को ग्लोबल बिजनेस में मिला स्थान, आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत किया गया तैयार
कानपुर आइआइटी की खबर से संबंधित सांकेतिक तस्वीर।

कानपुर, [जागरण स्पेशल]। बाहरी व भीतरी संक्रमण से बचाने के साथ ही चोट को जल्द ठीक करने वाले बैंडेज को ग्लोबल बिजनेस मैगजीन ने देश के 10 अमेजिंग इनोवेशन में स्थान दिया है। आइआइटी के पूर्व छात्र तुषार देशपांडे, स्टार्टअप स्पिन नैनोटेक के निदेशक डॉ. संदीप पाटिल, सेंटर फॉर नैनो साइंसेज में प्रोजेक्ट एसोसिएट योगेश सिंह ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिक सचिव डॉ. आशुतोष शर्मा व केमिकल इंजीनियरिंग प्रो. योगेश जोशी के सुपरविजन में पॉली डाई मिथाइल सिलोक्सेन से इसे तैयार किया है। इसमें हवा का वेंटीलेशन तो होता है लेकिन वायरस व बैक्टीरिया उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैैं। अभी तक पॉली बिनाई क्लोराइड, पॉलीएथिलीन, पॉलीयूरेथेन व लेरिक्स फिल्म से बैंडेज बनते हैं, जिनमें वेंटीलेशन नहीं होता है जिससे चोट सूखने में समय लगता है। 

ये है खासियत 

यह स्थान आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत नवाचार व शोध के लिए मिला है। तुषार ने बताया कि दिसंबर में बेंगलुरु से प्रकाशित शोध पत्रिका ग्लोबल बिजनेस लाइन मैगजीन ने इस पर फोकस किया था था। पेटेंट भी हो चुका है। अभी इस तरह की मेडिकल पट्टी भारत में नहीं बनी है, जिसमें अतिसूक्ष्म छिद्र हों। इन छिद्रों की खासियत ये है कि इसमें दवा भरी जा सकती है, जो घाव ठीक करने के काम आएगी। ये छिद्र इतने सूक्ष्म होंगे कि वायरस व बैक्टीरिया इसे पार नहीं कर सकेंगे।

तकनीक देकर उत्पाद बनाने को लेकर मंथन 

डॉ. तुषार बताते हैं कि उन्होंने तकनीकी विकसित की है। अब उत्पाद कोई और बनाएगा। तकनीक को कॉमर्शियल किए जाने के लिए कई कंपनियों के साथ मंथन चल रहा है। बाजार में ये मेडिकल पट्टी साल भर के अंदर आने की संभावना है। पट्टी की तकनीक के कारण पानी की बूंदें इस पर नहीं टिक पाएंगी। वायरस व बैक्टीरिया को यह अपने ऊपर नहीं चिपकने देगी।  

क्या है पॉली डाई मिथाइल सिलोक्सन

यह रबर व इलास्टिक जैसा पॉलीमर मैटीरियल होता है जिसे मॉडीफाई करके अलग-अलग प्रकार से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी पॉलीमर फिल्म बनाई जा सकती है। इसी फिल्म का प्रयोग करके ऐसे बैंडेज की तकनीक बनाई है, जिससे चोट जल्द भरेगी। इस पॉलीमर फिल्म की खासियत यह होती है कि पानी की छोटी से छोटी बूंदें भी इस पर नहीं ठहर सकतीं। इसका प्रयोग मेडिकल के अलावा ईंधन की शुद्धता मापने में भी किया जा सकता है। अगर ईंधन में पानी मिला हुआ है तो इससे बने फिल्टर से उसका पता लगा सकते हैं।

chat bot
आपका साथी