कानपुर अब जैविक खेती का हब बनाने को तैयार, खुल जाएंगे रोजगार के द्वार

कानपुर में बिरैचामऊ गांव का अन्नपूर्णा स्वयं सहायता समूह शुरू जैविक खेती का अभियान शुरू करेगा। शहर में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत गांवों में दो हजार से अधिक समूह हैं जिनके अभियान में जुड़ने से हब बनाने में तेजी मिलेगी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 12:49 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 12:49 PM (IST)
कानपुर अब जैविक खेती का हब बनाने को तैयार, खुल जाएंगे रोजगार के द्वार
कानपुर में जैविक खेती के लिए जोर दिया जाएगा।

कानपुर, जेएनएन। जिले को जैविक खेती का हब बनाने की दिशा में अब तेजी से काम होगा। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत गांवों में गठित स्वयं सहायता समूहों को जोड़कर जैविक खेती कराने की तैयारी है। इस कार्य की अगुवाई करेगा बिरैचामऊ गांव का अन्नपूर्णा स्वयं सहायता समूह। इसमें उपायुक्त स्वत: रोजगार के साथ ही कृषि विभाग और उद्यान विभाग की ओर से भी मदद की जाएगी। किसानों को उनके उत्पादों की बिक्री के लिए बाजार भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

अन्नपूर्णा स्वयं सहायता समूह ने गांव में पहले खेती शुरू की थी। इसके बाद इस समूह ने गांव के ही अन्य समूहों को इस कार्य में जोड़ा। अब बिरैचामऊ और आसपास के कुछ गांवों में जैविक खेती हो रही है। अब राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत जैविक विधि से फल, सब्जी और अनाज उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। किसानों को अन्नपूर्णा समूह की सदस्य महिलाएं, उद्यान विभाग और मिशन की टीम जैविक खेती के लिए प्रशिक्षित करेगी। उन्हें उसके बाजार, लाभ आदि के बारे में बताया जाएगा।

कानपुर में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण का कार्यालय खुलने जा रहा है। इससे फल, सब्जी और अनाज का निर्यात बढ़ेगा। विदेशों में जैविक उत्पादों की मांग भी बहुत है ऐसे में ज्यादा से ज्यादा किसानों को जैविक खेती से जोडऩे की कवायद होगी। इस अभियान की शुरूआत अगले माह से की जाएगी। कोशिश होगी कि प्रत्येक गांव में कम से कम दो समूहों के सदस्य जैविक खेती के कार्य को अपनाएं।

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