केडीए में फर्जी नामांतरण के खेल पर कसी लगाम, उपाध्यक्ष ने बिठाई मामलों पर जांच
कानपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने श्यामनगर में फर्जी नामांतरण को निरस्त करते हुए अधिकारियों को सारे दस्तावेज जांचने सत्यापन के बाद कार्रवाई की हिदायत दी है । इसके बाद गड़बड़ी को लेकर कर्मचारियों में खलबली मची है।
कानपुर, जेएनएन। फर्जी रजिस्ट्री के बाद अब केडीए उपाध्यक्ष ने फर्जी नामांतरण के मामले में नकेल कसना शुरू कर दी है। दैनिक जागरण ने पिछले दिनों श्यामनगर में फर्जी दस्तावेज लगाकर नामांतरण किए जाने का राजफाश किया था। उपाध्यक्ष ने अधिकारियों को आदेश दिए कि नामांतरण प्रक्रिया निरस्त कर पूरे प्रकरण की जांच की जाए। नामांतरण और रजिस्ट्री से जुड़े मामलों में दस्तावेजों को चेक करें और सत्यापन के बाद कार्रवाई की जाए। बाद में गड़बड़ी मिलने पर संबंधित अफसर व कर्मचारी दोषी होंगे।
दैनिक जागरण ने 12 सितंबर को फर्जी नामांतरण के मामले को प्रमुखता से छापा था। डी ब्लाक श्यामनगर में स्थित भूखंड संख्या 274 में फर्जी तरीके से मिलकर नामांतरण हो रहा था। कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर फर्जीवाड़े का प्रयास किया गया। जुलाई 2019 में प्रकाशित विज्ञप्ति में सुनील दत्त द्वारा 26 जून 2000 को भूखंड राम दत्त को बैनामा करना दर्शाया गया है, जिनकी मृत्यु 26 जून 1977 को हो चुकी है। इसके दस्तावेज बुधवार को जनता दर्शन में वंदना दत्त ने उपाध्यक्ष अरविंद सिंह को सौंपे।
भूखंड संख्या 274, ब्लाक डी का प्राधिकरण द्वारा किए गए नामांतरण के संबंध में आपत्ति जताई। उपाध्यक्ष ने खुद भूखंड की विक्रय पत्रावली मंगाकर स्वयं देखी। पता चला कि नामांतरण संबंधी प्रक्रिया दो साल से लंबित चल रही है। जोन चार के विक्रय विभाग द्वारा गलत तथ्यों के आधार पर भूखंड का नामांतरण चिन्नी बाली के पक्ष में सात सितंबर 2021 को कर दिया गया। उपाध्यक्ष ने नामांतरण पर रोक लगाते हुए जांच कराने के आदेश सचिव को दिए।