कानपुर विकास प्राधिकरण खोज रहा अपनी जमीन, किदवई नगर में 85 भूखंड पर कब्जा
कानपुर के किदवई नगर के ओ ब्लाक सब्जी मंडी योजना की जमीन पर कब्जे हो गए हैं लेकिन अभियंत्रण विभाग और प्रवर्तन दस्ते को नहीं दिखे रहे हैं। लोगों ने कब्जे कर फैक्ट्री और दुकानें बना ली हैं। इसकी कीमत लगभग 75 करोड़ रुपये आंकी गई है।
कानपुर, जेएनएन। केडीए एक तरफ शहर में आवासीय योजना के लिए जगह ढूंढ़ रहा है, वहीं ओ ब्लाक सब्जी मंडी किदवईनगर में 85 भूखंड पर लोगों ने कब्जा कर रखा है। इसमें कई भूखंड पांच-पांच सौ वर्ग मीटर के हैं। केडीए अवैध भूखंडों का सर्वे भी करा चुका है। कब्जा करने वालों पर मुकदमा भी दर्ज कराया है, लेकिन अभियंत्रण विभाग और प्रवर्तन दस्ते ने कभी इन भूखंडों को खाली कराने के लिए कवायद नहीं की। नतीजा यह है कि लोगों ने निर्माण करा लिया है।
केडीए ने ओ ब्लाक किदवईनगर में 1978 में सब्जी मंडी बसायी थी। बाद में मंडी चकरपुर चली गई तो जगह को व्यावसायिक से आवासीय घोषित कर दिया गया। यहां पर ठेला पार्किंग के नाम पर 15 हजार वर्ग मीटर जगह है। केडीए के लेआउट में ट्रक और ठेला पार्किंग के नाम से जगह चढ़ी हुई है। सब्जी मंडी शिफ्ट होने के बाद से ट्रक व ठेले खड़े होने बंद हो गए। केडीए के ही कर्मचारियों के साथ मिलकर लोगों ने कब्जे कर फैक्ट्री और दुकानें बना ली हैं। इसकी कीमत लगभग 75 करोड़ रुपये आंकी गई है। योजना में 85 भूखंड है, जिन पर भी कब्जे हैं।
चार साल पहले पुलिस को लिखा था पत्र
केडीए ने चार साल पहले 24 मार्च 2017 को 20 कब्जेदारों पर कार्रवाई के लिए जूही थाने को पत्र लिखा था। इसमें कहा गया था कि 17 नवंबर 2015 और चार से सात अप्रैल 2016 में कब्जे हटाए गए थे, जिस पर लोगों ने फिर कब्जा कर लिया है।
किराए पर उठा दी जमीन
जमीन पर कब्जा करने के खेल में केडीए कर्मी भी शामिल हैं। जमीनों पर कब्जा करके उसे किराए पर उठा दिया है। हर साल लाखों रुपये का केडीए की जमीन से किराया वसूला जा रहा है। ओ ब्लाक सब्जी मंडी किदवईनगर में ठेला पार्किंग और जमीन की रिपोर्ट तलब की है। इसके आधार पर जांच कराई जाएगी। - राकेश सिंह, उपाध्यक्ष केडीए