UP, CBSE के बाद अब काउंसिल पर टिकीं निगाहें, हर साल जिले में 10 हजार Student Board Exam में होते हैं शामिल
चार मई से आइसीएसई बोर्ड में 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं शुरू होनी हैं। ऐसे में छात्रों का कहना है कि अगर कोरोना वायरस के संक्रमण पर काबू न पाया गया तो उनके लिए परीक्षा देने निकल पाना आसान नहीं होगा।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बुधवार को सीबीएसई ने जहां 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर व 12वीं की परीक्षाएं स्थगित करनेका फैसला किया, वहीं गुरुवार को यूपी बोर्ड की परीक्षाएं टल गईं। अब आइसीएसई बोर्ड से परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं की निगाहें काउंसिल के निर्णय पर टिक गईं। छात्र-छात्राओं ने इंटरनेट मीडिया पर इस विषय को लेकर चर्चा करनी शुरू कर दी है। दरअसल, चार मई से आइसीएसई बोर्ड में 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं शुरू होनी हैं। ऐसे में छात्रों का कहना है, कि अगर कोरोना वायरस के संक्रमण पर काबू न पाया गया तो उनके लिए परीक्षा देने निकल पाना आसान नहीं होगा। जिले से हर साल आइसीएसई की बोर्ड परीक्षा में 10वीं व 12वीं को मिलाकर लगभग 10 हजार परीक्षार्थी शामिल होते हैं।
पाठ्यक्रम कम करने पर एक साथ आया था फैसला : पिछले साल जब देश-दुनिया में कोरोना महामारी ने कोहराम मचा रखा था, तो सबसे पहले सीबीएसई, फिर यूपी बोर्ड ने अपना पाठ्यक्रम कम कर दिया था। इसके बाद आइसीएसई बोर्ड ने भी नौवीं से 12वीं तक पाठ्यक्रम में 25 से 30 फीसद तक कटौती कर दी थी। अब छात्र इस बात का कयास लगा रहे हैं, कि जल्द ही काउंसिल भी परीक्षाओं को लेकर कोई फैसला सुना सकता है।
इनका ये है कहना
पूरी उम्मीद है, कि काउंसिल की ओर से छात्रहित में फैसला लिया जाएगा। परीक्षाओं को लेकर सूचना जारी हो सकती है।केवी विंसेंट, सिटी कोआर्डिनेटर, आइसीएसई