Vocal For Local को साकार कर रहा कानपुर के छात्र का एप, लोगों तक पहुंच रहा मंगौड़ी और पापड़-अचार

आर्मी पब्लिक स्कूल के 12वीं के छात्र ने स्वदेशी बाजार एप के जरिए गांव में बनने वाली दैनिक जरूरत की वस्तुओं को घर-घर पहुंचाने का काम किया है। इससे किसानों को अच्छी मार्केट मिलने के साथ आय भी बढ़ गई है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 11:39 AM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 11:39 AM (IST)
Vocal For Local को साकार कर रहा कानपुर के छात्र का एप, लोगों तक पहुंच रहा मंगौड़ी और पापड़-अचार
कानपुर में रहने वाले 12वीं के छात्र ने एप विकसित किया है।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन के बीच 12वीं पास छात्र संस्कार अवस्थी ने ऐसा एप्लीकेशन विकसित किया है, जो देशी उत्पादों को घर-घर पहुंचा रहा है। 'वोकलफॉर लोकल' के तहत स्वदेशी बाजार एप से लोग दाल, चावल, रवा, आटा व मसाले के साथ हीप्लास्टिक व रसोईघर के उत्पाद खरीद सकते हैं। 

सीधे किसानों से कर सकेंगे खरीद

आर्मी पब्लिक स्कूल से 12वीं में कॉमर्स संकाय के टॉपर रहे संस्कार ने बताया कि उन्होंने सहपाठी यश गर्ग व मयंक त्रिपाठी के साथ मिलकर ये एप तैयार किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अचार, पापड़, मगौड़ी, दाल बड़ी समेत अन्य उत्पाद बनाने वाली महिलाओं से उत्पाद खरीद करके इस एप के जरिए लोगों तक पहुंचाया जाएगा। इसके साथ ही दाल, चावल, तेल, मसाले खान-पान की यह चीजें किसानों से सीधे ली जाएंगी। इससे किसानों को भी चीजों के पूरे दाम मिल सकेंगे। इससे उन मेहनतकश को अच्छी मार्केट मिल सकेगी, जो अपने उत्पादों की मार्केटिंग नहीं कर पाते हैं।

दीपावली पर ग्रामीणों को मिला फायदा

दीपावली में दिये व गणेश-लक्ष्मी समेत अन्य मिट्टी की चीजें बनाने वाले कुम्हारों से थोक में माल खरीदा, जिससे उन्हें उचित दाम मिले। रावतपुर व लक्ष्मीपुरवा में ये चीजें बनाने वाले कुम्हारों की वस्तुएं ऑनलाइन ऑर्डर के जरिए घर-घर तक पहुंचाई हैं। स्वदेशी बाजार एप को 750 ग्राहक डाउनलोड कर चुके हैं। इनमें से 150 ग्राहकों को खान-पान व रोजमर्रा की वस्तुएं डिलीवर की जा चुकी हैं।

किसानों के साथ मिलकर करेंगे काम, उन्हें मिलेगा लाभ

स्वदेशी बाजार एप के माध्यम से किसानों की उगाई गई सब्जियों व फलों को अच्छे दाम दिलाने के लिए अब खरीदा जाएगा। अभी ग्रामीण क्षेत्रों में चिप्स, आचार, पापड़, हाथ से बनीं चीजें खरीद रहे हैं। धीरे-धीरे ऑनलाइन बाजार बन रहा है। जल्द ही बिल्हौर, घाटमपुर, बिधनू समेत आसपास के क्षेत्रों में जाकर सर्वे किया जाएगा। इसके लिए मास्टर प्लान बनाया है। स्वदेशी बाजार को बढ़ावा देने के लिए भविष्य में भी इसी क्षेत्र में काम करेंगे।

लॉकडाउन में बनाया स्टार्टअप

संस्कार ने बताया कि उनके पिता अनूप अवस्थी बिजनेस मैन हैं, जिनसे उन्हें बचपन से सीखने का मौका मिला और अपना स्टार्टअप स्थापित किया। लॉकडाउन में खाली समय में उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर एप डिजाइन किया। उसे बनाया और फिर चीजों की खरीदारी शुरू की। उन्हें एप तैयार किए दो माह हुए हैं।

chat bot
आपका साथी