सुनिए वित्तमंत्री जी..! कानपुर के मसाला कारोबारियों ने मांगी टीडीएस में कटौती

कानपुर के मसाला कारोबारियों का कहना है कि एडवांस टैक्स लिया जा रहा है तो टीडीएस कटौती खत्म की जानी चाहिए। उनकी मांग है कि बेवजह कहीं पर ट्रक नहीं रोके जाएं और टोल प्लाजा सहूलियत दी जाए। किसानों की उपज खरीदने में नकद धनराशि देने की छूट मिलनी चाहिए।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 07:52 AM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 07:52 AM (IST)
सुनिए वित्तमंत्री जी..! कानपुर के मसाला कारोबारियों ने मांगी टीडीएस में कटौती
मसाला कारोबारियों ने बजट से उम्मीद लगाई है।

कानपुर, [राजीव सक्सेना]। शहर का रसोई मसाला उद्योग पूरे देश तक फैला है। यहां करीब तीन दर्जन ब्रांडेड मसाला निर्माता हैं, जिनमें से कई ब्रांड की देश-विदेश में पहचान है। इसी तरह करीब डेढ़ हजार थोक रसोई मसाला कारोबारी भी हैं जबकि 20 सेे 25 हजार लोगों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रोजगार मिला है।

नयागंज का किराना बाजार शहर का सबसे ज्यादा भीड़ वाला बाजार है। यहां सुबह से रात तक माल की लोडिंग और अनलोडिंग का काम होता है। इसके बावजूद कारोबारी समस्याओं से जूझ रहे हैं। मसाला कारोबारियों का कहना है कि बिना वजह उनके वाहनों को नहीं रोका जाए। इससे माल की कमी होने लगती है। जब वे एडवांस टैक्स देते हैं तो वेतन में टीडीएस क्यों कटवाया जा रहा है। इसमें राहत दी जानी चाहिए। कानपुर शहर में 03 दर्जन ब्रांडेड मसाला कंपनियां हैं और 1500 से ज्यादा थोक कारोबारी हैं।

कारोबारियों ने रखी अपनी बात देश भर से माल आता है और यहां से जाता है। इस दौरान टोल प्लाजा पर सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। सरकार ऐसे प्रावधान करे कि माल टोल पर न फंसे। ट्रांसपोर्ट व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जाए, क्योंकि गाडिय़ां लगातार रुकने से माल की कमी होने से कीमतें बढ़ती हैं। जब उद्यमी आयकर में एडवांस टैक्स जमा करते हैं तो उससे कर्मचारियों का टीडीएस क्यों कटवाया जाता है। - सुरेश गुप्ता, निदेशक, अशोक मसाले। मसाला उद्योग कृषि आधारित है। ज्यादातर किसान उपज की कीमत नकद चाहते हैं। चेक और आरटीजीएस से रुपये लेने को किसान तैयार नहीं होते। ज्यादातर कारोबारी किसान से सीधे खरीदारी करते हैं, जिससे नकद भुगतान करना पड़ता है। इसके लिए बैंक से कैश निकालना पड़ता है। बैंक एक वर्ष में एक करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी निकालने पर दो फीसद टीडीएस काटेंगे। ये नियम वापस लिया जाए। - सोम गोयनका, निदेशक, गोल्डी मसाले। कोरोना काल में मसाला कारोबार भी प्रभावित हुआ है। छह माह बिक्री प्रभावित रही तो एडवांस टैक्स पर भी फर्क पड़ेगा। इसलिए अधिकारियों को इसे कर अपवंचना नहीं कहना चाहिए। ईमानदारी से काम करने वालों को इज्जत मिलनी चाहिए। ऐसे नियम खत्म किए जाएं, जिनसे व्यापारियों की पूंजी ब्लॉक हो रही है। - अवधेश बाजपेई, अध्यक्ष, दि किराना मर्चेंट एसोसिएशन। व्यापारी को सामाजिक सुरक्षा के लिए पेंशन शुरू की जाए। व्यापारी के टैक्स से ही सरकारी कर्मचारियों को वेतन और पेंशन मिलती है, लेकिन टैक्स देने वाले व्यापारी को कुछ नहीं मिलता। आयकर रिटर्न फाइल करते समय ही इसके लिए अगर कोई राशि जमा करानी हो तो करा ली जाए और एक निर्धारित आयु के बाद व्यापारियों को उस राशि से पेंशन दी जाए। - बाल किशन गुप्ता, मसाला कारोबारी।

chat bot
आपका साथी