कारगिल में हुए हिमस्खलन से दबी सेना की चौकी, कानपुर का लाल हुआ शहीद
घाटमपुर के बिराहिनपुर के रहने वाले थे शहीद हुए धर्मेंद्र तीन अन्य जवान भी हुए घायल।
कानपुर, जेएनएन। कारगिल के ड्रास की मशकोह वैली में गुरुवार को हिमस्खलन की चपेट में सेना की एक चौकी आ गई, जिससे घाटमपुर के पतारा स्थित गांव बिराहिनपुर निवासी सैनिक 35 वर्षीय धर्मेंद्र सिंह उर्फ बबलू शहीद हो गए, जबकि तीन जवान घायल हो गए। स्वजनों के मुताबिक धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर शनिवार को लाया जाएगा।
हिमस्लखन से अब तक हो चुकी सात सैनिकों की मौत
गुरुवार सुबह मशकोह में सेना की एक चौकी हिमस्खलन की चपेट में आने से सेना के चार जवान दब गए। सेना ने तुरंत रेस्कयू ऑपरेशन चलाते हुए बर्फ में दबे चारों सैनिकों को बाहर निकाल लिया पर तब तक हवलदार धर्मेंद्र की मौत हो चुकी थी। तीनों घायल सैनिकों को कारगिल में सैन्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इस महीने अब तक जम्मू कश्मीर व लद्दाख में हुए हिमस्खलनों में सात सैनिकों समेत 13 लोगों की मौत हो चुकी है।
गांव में रहती हैं मां व दो बड़े भाई
बिराहिनपुर निवासी रतन सिंह उर्फ बाबूजी के छोटे पुत्र धर्मेंद्र उर्फ बबलू ग्लेशियर सियाचिन में तैनात थे। उनकी 1999 में हवलदार पद पर नौकरी लगी थी। गांव में धमेंद्र की मां शिवदेवी व दो बड़े भाई रहते हैंं। उनके भाई खेती बाड़ी करते हैं। उनकी शादी 2002 में हरीपुर रायबरेली में हुई थी। पत्नी सुनीता दो बच्चों उत्कर्ष (16) और राजवर्धन (9) के साथ चंडीगढ़ में रहती हैं। पिता रतन सिंह का देहांत हो चुका है। धर्मेंद्र दशहरे में 20 दिनों के लिए घर आए थे और दीवाली मनाने के बाद ड्यूटी पर गए थे। धर्मेंद्र ने गुरुवार पूर्वाह्न 11:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। स्वजनों को समाचार चैनल के माध्यम से गुरुवार देर रात जानकारी मिली। अभी फौज की तरफ से कोई सूचना नहीं दी गई है।