कानपुर स्मार्ट सिटी में दाग बने शहर के खुले नाले, हादसों को दे रहे दावत

शहर में सीसामऊ नाला रफाका नाला और सीओडी नाला सबसे बड़े नालें हैं। सीसामऊ नाला ग्वालटोली खलासी लाइन बजरिया समेत कई जगह से होकर गुजर रहा है। पुरानी बनी स्लैब टूट गई है इसके अलावा कई जगह नाला खुला पड़ा है। यहीं हाल रफाका नाला का है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 04:12 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 04:12 PM (IST)
कानपुर स्मार्ट सिटी में दाग बने शहर के खुले नाले, हादसों को दे रहे दावत
शहर में कई जगह नाले खुले पड़े हैं।

कानपुर, जेएनएन। स्मार्ट सिटी में शहर के खुले नाले दाग बने हुए हैं। नाले खुले होने के कारण कूड़ाघर बन गए हैं। लोग नाले में ही सीधे कूड़ा डाल देते हैं। इसके चलते हर साल करोड़ों रुपये नाला सफाई में खर्च किए जाते हैं लेकिन गंदगी डाले जाने के कारण साफ नहीं रह पाता है। इसके चलते जरा सी बारिश में पानी भर जाता है। नालों के किनारे रहने वाले लाखों लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है। यही नहीं खुले नाले हादसों को भी दावत दे रहे हैं।

शहर में सीसामऊ नाला, रफाका नाला और सीओडी नाला सबसे बड़े नालें हैं। इनसे लगभग सौ से ज्यादा मोहल्ले जुड़े है। नालों की हालत यह है कि कुछ जगह छोड़कर सभी जगह खुला पड़ा है। कई जगह नाला खतरनाक है। सीसामऊ नाला ग्वालटोली खलासी लाइन बजरिया समेत कई जगह से होकर गुजर रहा है। पुरानी बनी स्लैब टूट गई है इसके अलावा कई जगह नाला खुला पड़ा है। यहीं हाल रफाका नाला का है वह विजय नगर समेत कई जगह खुला पड़ा है। शहर के दक्षिण से गुजरने वाला सीओडी नाला किदवईनगर, यशोदानगर, हंसपुरम समेत पांडु नदी तक कई जगह खुला पड़ा है। गुजैनी, जरौली, श्यामनगर, गोविंद नगर, विश्वबैंक, कल्याणपुर, शिवली रोड समेत कई जगह नाले खुले पड़े हैं। नालों जुड़े मोहल्ले के लोगों ने नाले को कूड़ाघर बना दिया है। एक तरफ नगर निगम नाला साफ कराता है दूसरी तरफ लोग कूड़ा डाल देते हैं। वहीं, खुले नाले में गिरकर कई बार लोग चुटहिल हो चुके हैं।

स्मार्ट सिटी और मेट्रो का शहर दर्जा प्राप्त कर चुका है लेकिन समस्याओं से निजात मिलती नजर नहीं आ रही है। खुले नालों को लेकर लोगों में आक्रोश है। पार्षद नवीन पंडित, सुधा सचान, अंजु मिश्रा, निर्मल मिश्रा, मनोज पांडेय ने बताया कि कई बार खुले नालों को बंद कराने के लिए पत्र लिख चुके है। गुजैनी में खुले नाले में पिछले दिनों एक सांड़ गिर गया था। बाद में मुश्किल से नाले से सांड़ को निकाला गया था। अगर नालों को बंद नहीं कराया गया तो कभी भी कोई हादसा हो सकता है।

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