Kanpur Shaernama Column: महापौर के चुनाव की तैयारी कर रहा हूं.., सब यहीं धरा रह जाएगा

कानपुर का शहरनामा कॉलम राजनीतिक गतिविधियों को लेकर आता है। भाजपा अब बगावत कर जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव लडऩे वालों पर डोरे डाल रही है तो एक नेता जी आजकल जोर शोर से महापौर का चुनाव लडऩे की तैयारी में जुटे हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 10:47 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 10:47 AM (IST)
Kanpur Shaernama Column: महापौर के चुनाव की तैयारी कर रहा हूं.., सब यहीं धरा रह जाएगा
कानपुर की राजनीतिक हलचल है शहरनामा ।

कानपुर, राहुल शुक्ल। शहर में राजनीतिक गतिविधियां इन दिनों पंचायत चुनाव के चलते चरम पर हैं। पंचायत चुनाव से नेता आने वाले विधानसभा चुनाव का निशाना साध रहे हैं। राजनीतिक गलियारे चर्चाओं से भर गया है, ऐसी ही राजनीतिक चर्चाओं को चुटीले अंदाज में लोगों तक पहुंचाता है शहरनामा कॉलम...। आइए देखते हैं इस बार कैसा है शहरनामा...।

हम तो जन्मजात भाजपाई हैं

भाजपा से बगावत कर जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव लडऩे वाले नेताओं में से कुछ पर पार्टी फिर से डोरे डाल रही है। डोरे इसलिए डाले जा रहे हैं, क्योंकि उनके जीतने की उम्मीद भी है। शनिवार को एक नेता ने एक उम्मीदवार से मुलाकात की और जीतने के बाद फिर से पार्टी से जुडऩे के लिए कहा। उम्मीदवार ने भी कहा देखो तब तो आप लोगों ने सम्मान किया नहीं। अब हमारी पोजीशन अच्छी है और हम जीत भी रहे हैं, तो आप हमसे सपोर्ट मांगने आ गए हैं। वैसे भी हम जन्म से भाजपा के हैं, इसलिए जीतने के बाद समर्थन तो पार्टी के उम्मीदवार को ही करेंगे। इतना सुनते ही नेता जी अवाक रह गए और बोले कि कई बार परिस्थितियां ऐसी होती हैं कि कुछ कठिन निर्णय लेने होते हैं। इससे आप नाराज न हों, भविष्य में आपका सम्मान सुरक्षित रहेगा, यह मेरी गारंटी है।

महापौर के चुनाव की तैयारी कर रहा हूं

भगवा वाली पार्टी से विधानसभा चुनाव के टिकट की कई बार दावेदारी कर चुके एक नेता जी आजकल महापौर का चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं। नेता जी ने शहर की ही एक विधानसभा सीट से कई बार टिकट मांगा, लेकिन हर बार उनके हाथ निराशा ही लगी, लेकिन इस बार उन्हें लगता है कि टिकट मिल ही जाएगा। नेता जी इसके लिए हर वार्ड के लोगों का मोबाइल नंबर भी जुटा रहे हैं और अपनी गोल भी तैयार करने में जुट गए हैं। नेता जी एक चौराहे पर कुछ नेताओं के साथ बात कर रहे थे, तभी विरोधी दल के एक नेता जी पहुंचे और लपक कर हाथ मिलाया। बोले, चाचा आजकल क्या कर रहे हो। बड़े शांत दिखते हो। नेता जी ने कहा महापौर का चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहा हूं। अगर सीट मनमाफिक हुई तो लड़ूंगा। विरोधी दल के नेता बोले चाचा टिकट तो मिले।

सब यहीं धरा रह जाएगा

औद्योगिक भूखंडों का आवंटन करने वाले एक साहब काफी लंबे अर्से से कुर्सी पर जमे हुए हैं। पिछली सरकार में भी उनका जलवा कायम था और इस सरकार में भी वह जो चाहते हैं, वही होता है। साहब पर पूर्व में खूब मलाई काटने का आरोप लगा। अब भी कहा जाता है कि वे मोटी मलाई काट रहे हैं। पिछले दिनों साहब के खिलाफ शिकायत हुई तो बड़े साहब ने जांच का आदेश दे दिया। इससे साहब थोड़ा बहुत घबराए, लेकिन फिर संभल गए, क्योंकि ऊपर बैठे कुछ आकाओं ने उन्हें आश्वस्त कर दिया कि उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा। किसी ने साहब से जांच के बारे में पूछ लिया तो बोले सब ऑल इज वेल है। वहां मौजूद एक कर्मचारी ने हंसते हुए कहा कितना कमाओगे सर, सब यहीं धरा रह जाएगा। मु_ी बांधे आए थे और हाथ पसारे चले जाओगे। इतना सुनकर साहब भी हंसने को मजबूर हो गए।

हम तो हाथी की तरह हैं

एक व्यापारी नेता जी आजकल बड़े व्याकुल हैं। उनके अपनों ने उनसे बगावत कर ली और नेता जी के किसी कार्यक्रम में नहीं जाते। परेशान नेता जी अपने उस विरोधी पदाधिकारी के खिलाफ आए दिन शिकायतें कराते हैं, जिसने सबसे पहले बगवाती तेवर दिखाए। नेता जी कभी विरोधी पदाधिकारी पर जुएं का अड्डा चलवाने का आरोप लगवाते हैं तो कभी अपराधियों को संरक्षण देने की शिकायत कराते हैं। नेता जी की इन हरकतों की चर्चा बाजार में खूब है। जिस पदाधिकारी महोदय के खिलाफ अफसरों के यहां शिकायत होती है, उन्हें भी शिकायत कराने वाले के बारे में पता चल गया है, लेकिन वे शांत हैं। कुछ लोग पदाधिकारी महोदय के यहां पहुंचे और नेता जी की हरकतों के बारे में बता दिया। पदाधिकारी ने भी कह दिया, देखो हम तो हाथी की तरह हैं चले जा रहे हैं। कौन क्या कर रहा है, इससे हमें फर्क नहीं पड़ता है।

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