Court Order: अब तालाब के नाम दर्ज होगी मामा तालाब की भूमि, कानपुर एसडीएम कोर्ट का फैसला

कानपुर कल्याणपुर के मसवानपुर में पट्टाधारकों ने गलत तरीके से राजस्व अभिलेखों में नाम दर्ज करा लिये थे अब एसडीएम कोर्ट ने आदेश दिया है कि तालाब के नाम ही मामा तालाब की भूमि दर्ज की जाएगी और मुआवजा राशि वसूली जाएगी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 08:52 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 08:52 AM (IST)
Court Order: अब तालाब के नाम दर्ज होगी मामा तालाब की भूमि, कानपुर एसडीएम कोर्ट का फैसला
मामा तालाब की भूमि पर कब्जेदारों ने मकान बना लिए हैं।

कानपुर, जेएनएन। मामा तालाब की भूमि से अब आवास विकास परिषद और भू स्वामियों का नाम हट जाएगा। यह भूमि राजस्व अभिलेखों में तालाब के नाम दर्ज होगी। एसडीएम कोर्ट ने यह फैसला लिया है। इसके साथ ही अब जिन्होंने गलत तरीके से मुआवजा लिया था उनसे मुआवजा राशि की वसूली होगी। आरसी जारी कराने की प्रक्रिया आवास विकास परिषद की ओर से की जाएगी।

मसवानपुर स्थित मामा तालाब का सुंदरीकरण किया जाना है। दैनिक जागरण लगातार इस तालाब पर हो रहे कब्जे का मुद्दा उठाता रहा। इसके बाद मंडलायुक्त डा. राजशेखर ने मौके का मुआयना किया और तालाब के सुंदरीकरण का आदेश दिया। तभी आवास विकास परिषद के अधीक्षण अभियंता ने उन्हें बताया था कि यह तालाब नहीं है बल्कि भूमि है गड्ढे की वजह से पानी भरा हुआ है। इस भूमि का अधिग्रहण कर मुआवजा भी बांटा जा चुका है। एसडीएम दीपक पाल ने मंडलायुक्त को बताया था कि यह भूमि नहीं बल्कि राजस्व अभिलेखों में तालाब था। मंडलायुक्त ने जब जांच का आदेश दिया तो एसडीएम ने जांच की।

पता चला कि 1359 फसली वर्ष (वित्तीय वर्ष 1950-51) में आराजी संख्या 159 की भूमि राजस्व अभिलेखों में तालाब के नाम दर्ज थी। इसे वर्ष 1360 फसली में (1951-52) में बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के श्रेणी दो के खातेदार के रूप में मटरू के नाम दर्ज कर दिया गया था। पंचम के नाम श्रेणी एक में मुसइया और बदलू के नाम भूमि दर्ज की गई। ये सभी पट्टाधारक थे। बाद में इस भूमि का अधिग्रहण किया गया और आवास विकास परिषद से संबंधित काश्तकारों की ओर मुआवजा ले लिया गया। मामले में एसडीएम कोर्ट में सुनवाई हुई और अब यह भूमि आवास विकास और कास्तकारों के नाम से अलग कर तालाब के नाम दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया गया।

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