कानपुर में जर्जर इमारत वाले विद्यालयों में पढ़ाई रोके जाने से प्रबंधक खफा, पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

पदाधिकारियों ने इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ को दोबारा पत्र भेजा है और सचिव स्तर के अधिकारी के समक्ष इस मामले पर कवायद करने के लिए कहा है। संगठन के प्रदेश संगठन मंत्री धर्मप्रकाश गुप्त ने बताया कि सबसे पहले 10 जुलाई को बैठक हुई थी।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 03:30 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 03:30 PM (IST)
कानपुर में जर्जर इमारत वाले विद्यालयों में पढ़ाई रोके जाने से प्रबंधक खफा, पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
कानपुर के स्कूलाें की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। शहर के 36 माध्यमिक विद्यालयों में जर्जर भवन होने के चलते वहां पढ़ाई रोकने के आदेश डीआइओएस ने कई दिनों पहले दे दिए थे। हालांकि, इस मामले पर प्रबंधकों से किसी तरह की वार्ता न होने से उप्र माध्यमिक विद्यालय प्रबंधक महासभा के पदाधिकारी अब नाराज हैं।

पदाधिकारियों ने इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ को दोबारा पत्र भेजा है और सचिव स्तर के अधिकारी के समक्ष इस मामले पर कवायद करने के लिए कहा है। संगठन के प्रदेश संगठन मंत्री धर्मप्रकाश गुप्त ने बताया कि सबसे पहले 10 जुलाई को जर्जर भवन वाले विद्यालयों को लेकर शासन स्तर पर बैठक हुई थी। उसके बाद जिले में डीआइओएस ने सीधे 36 स्कूलों के प्रबंधकों को नोटिस जारी कर दी। उन्होंने कहा, कि पदाधिकारी इसकी जानकारी सीएम को दे चुके हैं। अब फिर से उनका मार्गदर्शन मांगा है। साथ ही, डीआइओएस की लचर कार्यशैली से भी सीएम को अवगत कराया गया है।

70 साल पुराने भवनों वाले स्कूलों को सरकार देगी आर्थिक मदद: कुछ दिनों पहले जब शहर में उपमुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा आए थे तो उन्होंने यह घोषणा की थी, कि ऐसे स्कूल जिनके भवन 70 साल पुराने हैं उनकी मरम्मत कराने व उनकी दशा सुधारने के लिए सरकार आर्थिक तौर पर मदद करेगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि प्रबंधन जितनी राशि खर्च करेंगे, उतनी ही राशि सरकार की ओर से खर्च होगी। इस बात को लेकर स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि सरकार को इस मामले पर गंभीरता बरतनी चाहिए। सभी ऐसे प्रबंधकों से विस्तार से बात करनी चाहिए और सभी समस्याओं का समाधान कराना चाहिए।

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