शव विसर्जन रोकने के लिए गंगा किनारे लगा पुलिस का पहरा, कानपुर के घाटों पर नाव से निगरानी

कानपुर के आसपास जिलों में गंगा नदी और किनारे रेती में शव विसर्जन की सूचनाएं आने के बाद विशेष कार्यबल अब नाव से निगरानी कर रहे हैं। पुलिस बल देख रहा है कि कहीं कोई शव बहा तो नहीं रहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 09:55 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 09:55 AM (IST)
शव विसर्जन रोकने के लिए गंगा किनारे लगा पुलिस का पहरा, कानपुर के घाटों पर नाव से निगरानी
कानपुर के गंगा घाटों पर एक कंपनी पीएसी और एसडीआरएफ तैनात।

कानपुर, जेएनएन। गंगा में कोरोना संक्रमित मृतकों के शव बहाने की घटनाएं सामने आने के बाद शासन गंभीर हो गया है। शासन के निर्देश पर कानपुर में गंगा तटों की निगरानी को एक कंपनी पीएसी और एक टीम एसडीआरएफ की तैनाती हुई है। यह दोनों विशेष कार्यबल शनिवार से काम शुरू कर देंगे।

पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि गंगा में शव बहाए जाने की घटनाओं को शासन ने गंभीरता से लिया है। ऐसा करने से गंगा में प्रदूषण बढ़ेगा। साथ ही कोरोना संक्रमित मरीज होने की वजह से जलीय जंतुओं के चपेट में आने की संभावनाओं को खारिज नहीं किया जा सकता। इसको देखते हुए शासन स्तर से पीएसी की एक प्लाटून फ्लड कंपनी और एक टीम एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) कानुपर भेजी गई है। एसडीआरएफ की टीम को नाव भी दी जाएगी, जो कि नदी में भ्रमण करते हुए घाटों की निगरानी करेंगे।

पुलिस आयुक्त ने बताया कि अगर कोई भी यह किसी भी तरह शव बहाए जाते पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इन टीमों के अलावा उन सभी थाना प्रभारियों को भी चौकन्ना रहने को कहा गया है, जिनके क्षेत्रों से होकर गंगा गुजर रही हैं। गौरतलब है कि कमिश्नरेट के बिठूर, नवाबगंज, कोहना, ग्वालटोली, कोतवाली, चकेरी, कैंट थाना क्षेत्रों से गंगा निकलती हैं। फ्लड कंपनी में 25 सदस्य और एसडीआरएफ में 15 सदस्यीय टीम होगी। दो टीमें बनाई जाएंगी, जिसमें एक टीम बैराज से बिठूर व दूसरी टीम बैराज से शुक्लागंज की ओर गश्त करेगी।

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