पुलिस की जांच में राजफाश, 2.45 करोड़ की ठगी के लिए मुंबई, नई दिल्ली, मालदा व जयपुर में खुलवाए गए खाते

कानपुर पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम की जांच में गणेशा ईकोटेक कंपनी के खाते से 2.45 करोड़ रुपये की ठगी में तीन खातेदारों को जेल भेज चुकी है। वहीं नई दिल्ली समेत अन्य राज्यों में बैंक खाते खुलवाने की बात सामने आई है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 10:56 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 10:56 AM (IST)
पुलिस की जांच में राजफाश, 2.45 करोड़ की ठगी के लिए मुंबई, नई दिल्ली, मालदा व जयपुर में खुलवाए गए खाते
पुलिस कर रही ठगी मामले की जांच।

कानपुर, जेएनएन। स्वरूप नगर स्थित गणेशा ईकोटेक कंपनी के खाते से 2.45 करोड़ रुपये हड़पने के लिए नाइजीरियन साइबर अपराधियों ने मुंबई, नई दिल्ली, मालदा और जयपुर में फर्जी खाते खुलवाए थे। पुलिस की जांच में पता चला है कि किसी भी खाते में नो योर कस्टमर (केवाईसी) में पूरे दस्तावेज नहीं लगाए गए थे। पुलिस अब तक तीन खातेदारों को जेल भेज चुकी है। केवाइसी में दर्ज पते के आधार पर बाकी आरोपितों की तलाश की जा रही है।

अगस्त में कंपनी के अधिकारी के नाम से फर्जी ईमेल बैंक को भेजकर अपराधियों ने कंपनी के खाते से 2.45 करोड़ रुपये 13 खातों में जमा करा लिए थे। जांच में पुलिस को नाइजीरियन गिरोह का पता लगा, जिसके एक सदस्य राबर्ट को बरेली पुलिस ने जेल भेजा था। इसके बाद यहां स्वरूप नगर पुलिस ने क्राइम ब्रांच की मदद से उन खातेदारों की तलाश शुरू की, जिनके खातों में यह रकम ट्रांसफर कराई गई थी। क्राइम ब्रांच ने मुंबई के दो खातेदारों मो. अजमेरी और सादिक अली के साथ दिल्ली की महिला शहनाज को और बरेली पुलिस ने एक खातेदार रुकसाद को जेल भेजा था।

उनके बैंक खातों में करीब 50 लाख रुपये होने की जानकारी भी मिली है। खाते फ्रीज कराकर यह रकम वापस बैंक को दिलाने की कोशिश की जा रही है। जांच में पता लगा है कि अन्य खाते जयपुर (राजस्थान), मालदा (पश्चिम बंगाल), नोएडा और नई दिल्ली की बैंकों में खुलवाए गए थे। थाना प्रभारी अश्विनी कुमार पांडेय ने बताया कि जिन व्यक्तियों की केवाईसी के जरिए खाते खुलवाए गए, उनका पता लगाया जा रहा है। बरेली जेल में बंद नाइजीरियन राबर्ट को बी वारंट पर न्यायालय में पेश कराने के बाद पुलिस की एक टीम मालदा, जयपुर व दिल्ली भेजी जाएगी।

फर्जी नाम, पते पर खाते खुलवाने की आशंका

पुलिस ने फर्म व व्यक्तिगत नामों पर खुलवाए गए जिन 13 खातों की जांच की है, उसमें केवाईसी के दस्तावेज पूरे नहीं हैं। फर्म के रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र के साथ ही पैन कार्ड या वोटर आइडी कार्ड लगाया गया है। इससे इन खातों में लगी आइडी भी फर्जी होने की आशंका है। हरपाल सिंह के नाम से जयपुर की स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में और नोएडा सेक्टर 12 की आइडीएफसी बैंक में खाता खुलवाया गया था, जबकि हरपाल सिंह का असली नाम मेहंदी हसन है और वह फरीदपुर बरेली का रहने वाला है। एक अन्य खातेदार अरबाज खान, मेहंदी हसन का ही बेटा है। अरबाज के नाम से नेहरू प्लेस नई दिल्ली की पंजाब नेशनल बैंक और यूनियन बैंक शाखा में खाता खुलवाया गया था। राबर्ट की गिरफ्तारी के बाद से मेहंदी हसन व अरबाज फरार चल रहे हैं।

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