Kanpur Remdesivir Case: नकली इंजेक्शन में कहां से आए लेबल, सुराग तलाश रही पुलिस

कानपुर शहर में पुलिस द्वारा पकड़े गए रेमडेसिविर इंजेक्शन लैबोटरी की जांच में नकली पाए गए हैं अब उसमें लगे लेबल और बैच नंबर को लेकर सवाल खड़ा हो गया है। पुलिस पता लगा रही है कि स्टीकर नकली हैं या कंपनी के।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 10:46 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 10:46 AM (IST)
Kanpur Remdesivir Case: नकली इंजेक्शन में कहां से आए लेबल, सुराग तलाश रही पुलिस
रेमडेसिविर के नकली इंजेक्शन में कंपनी के बैच नंबर मिले हैं।

कानपुर, जेएनएन। बाबूपुरवा में पकड़े गए रेमडेसिविर इंजेक्शन की पैकिंग कंपनी से स्टाकिस्टों को सप्लाई करने के बाद ही बदली गई है, ऐसा पुलिस का मानना है, क्योंकि कंपनी अपनी साख देखते हुए डुप्लीकेट इंजेक्शन नहीं बनाएगी। माना जा रहा है कि नकली इंजेक्शन तैयार करके उनके बैच नंबर वाले लेबल लगाए गए हैं। यह लेबल कंपनी से गायब किया गया या फिर स्कैन कर प्रिंट कराए गए इसकी जानकारी की जा रही है।

यूपी एसटीएफ और बाबूपुरवा पुलिस ने मिलिट्री इंजेलीजेंस के इनपुट पर काम करते हुए किदवईनगर चौराहे के पास से तीन शातिरों को 265 रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ पकड़ा था। इनके नाम बक्तौरीपुरवा निवासी मोहन सोनी, पशुपतिनगर निवासी प्रशांत शुक्ल और यमुना नगर हरियाणा निवासी सचिन कुमार थे। विधि विज्ञान प्रयोगशाला में हुई जांच में इनके नकली होने की पुष्टि हुई थी।

इसके बाद पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाया और इंजेक्शन पर लिखे बैच नंबरों के बारे में हैदराबाद की हैट्रो कंपनी के मुख्यालय से संपर्क किया। इस पर बैच नंबर कंपनी के ही होने की पुष्टि हुई। पुलिस का मानना है कंपनी से इंजेक्शन निकलने के बाद स्टाकिस्ट के यहां गए हैं। वहां से ही आगे की सप्लाई के दौरान इंजेक्शन बदले गए। या फिर बैच नंबर लिखे इंजेक्शन के रैपर कंपनी से पार किए गए हैं। इसके बाद नकली इंजेक्शनों पर उन्हें चस्पा कर बिक्री कर दी गई है। फिलहाल पुलिस इस बात की जानकारी जुटा रही है कि इंजेक्शन पर स्टीकर कंपनी के हैं या स्कैन करके लगाए गए हैं। इंजेक्शन की प्रयोगशाला रिपोर्ट में सिर्फ स्पूरियस (जाली-नकली) ही लिखकर आया है। माना जा रहा है कि कंपनी से सप्लाई निकलने के बाद इंजेक्शन बदले गए। या फिर कंपनी के बैच नंबर वाले लेबिल-स्टीकर स्कैन करके इस्तेमाल किए गए हैं। एक टीम कंपनी के हैदराबाद मुख्यालय के अधिकारियों के संपर्क में है। -रवीना त्यागी, डीसीपी साउथ

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