यदि कानपुर में आपने भी किया है पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन तो काम की है ये खबर
बार एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष अश्वनी आनंद डीएम आलोक तिवारी से मिले और समस्या बताई। डीएम के आदेश के बाद प्रमाण पत्र जारी होना तो शुरू हुए लेकिन लंबित आवेदनों की संख्या एक हजार से ज्यादा हो गई है।
कानपुर, जेएनएन। किसी परिवार के मुखिया की मौत के बाद पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र बेहद जरूरी दस्तावेज हो जाता है। इसके बिना न तो बैंक में जमा मृतक की धनराशि मिलती है और न ही कानूनी उत्तराधिकार। पहले यह एक माह में ये आसानी से बन जाता था, लेकिन अब इसे बनवाना जंग जीतने जैसा है। हालात यह हैं कि आवेदनों के इतने ढेर लग गए हैं और अधिवक्ता घंटों इन आवेदनों के बंडल से अपना प्रार्थना पत्र ढूंढ़कर सर्दी में पसीना बहा रहे हैं। एसडीएम सदर के कार्यालय में ऐसे एक हजार से ज्यादा आवेदन लंबित हैं, जिन्हें महज अधिकारी के हस्ताक्षर का इंतजार है।
ये तीन मामले हैं उदाहरण केस एक : यशोदा नगर के श्रवण कुमार त्रिवेदी ने 19 जून 2020 को पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। पिता की मौत के बाद उन्हें यह प्रमाण पत्र कई जरूरी जगहों पर लगाना है। केस दो : गांधीग्राम के अर्पित गुप्ता ने 14 जुलाई 2020 को पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। अभी तक उन्हें यह नहीं मालूम कि प्रमाण पत्र कब बनकर मिलेगा। केस तीन : बाबूपुरवा लेबर कालोनी के संतोष कुमार सक्सेना ने 11 सितंबर 2020 को पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। मां की मौत के बाद बैंक में उन्हें प्रमाण पत्र देना है।
इस वजह से बढ़ गए ढेर
पूर्व एसडीएम ने पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र जारी करने से इन्कार कर दिया था। सूत्र बताते हैं कि वह आवेदकों से पारिवारिक रजिस्टर मांगते थे, जिसके बाद बार एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष अश्वनी आनंद डीएम आलोक तिवारी से मिले और समस्या बताई। डीएम के आदेश के बाद प्रमाण पत्र जारी होना तो शुरू हुए, लेकिन लंबित आवेदनों की संख्या एक हजार से ज्यादा हो गई है।
इसलिए जरूरी होता है प्रमाण पत्र उत्तराधिकार के लिए बैंक में मृतक के खाते से भुगतान चल अचल संपत्ति का नामांतरण नगर निगम व केडीए में नाम परितर्वन कंपनियों द्वारा जारी शेयर के लिए बीमा कंपनी के भुगतान
इनका ये है कहना
कुछ कारणों से प्रमाण पत्र जारी न होने के चलते यह लंबित हो गए हैं। फिलहाल तीन दिनों से प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं, जिनके आवेदन पत्र नहीं मिल रहे हैं वह दोबारा आवेदन कर दें। - उपमा पांडेय, एसडीएम सदर
इनकी भी सुनिए मेरा बैंक का काम है। पिछले तीन माह में 29 आवेदन किए हैं, सभी लंबित पड़े हैं। आवेदक परेशान हो रहे हैं, लेकिन अधिकारियों को इससे क्या लेना देना। - आरके श्रीवास्तव, वरिष्ठ अधिवक्ता पहले प्रक्रिया नियमित तौर पर चल रही थी। मनमानी शुरू हुई तो समस्या बढ़ गई। जिलाधिकारी हस्तक्षेप न करते तो परेशानी खत्म होने वाली नहीं थी - कपिल दीप सचान, पूर्व महामंत्री बार एसोसिएशन समस्या लगातार गंभीर बनी हुई है। मेरे पास कई शिकायतें आ चुकी हैं। डीएम से मिलकर समस्या फिर रखी जाएगी। - राकेश कुमार तिवारी, महामंत्री बार एसोसिएशन