नौबस्ता में पांच हजार आबादी 20 साल से नारकीय जीवन जीने को मजबूर

मछरिया जय हिंद चौराहा से मस्जिद को जाने वाली 500 मीटर की सड़क में 400 मीटर तक पानी भरा हुआ है। इस बीच सड़क के दोनों तरफ 40 आवास हैं। यह पानी सिर्फ गमियों में सूखता है। इसके बाद फिर बरसात का पानी सर्दियों तक भरा जाता है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 05:37 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 05:37 PM (IST)
नौबस्ता में पांच हजार आबादी 20 साल से नारकीय जीवन जीने को मजबूर
पार्षद दुर्गा प्रसाद गुप्ता से समस्या के निदान के लिए आग्रह कर चुके हैं।

जासं, कानपुर : नौबस्ता मछरिया की बरकाती मस्जिद के पास इलाकों में 20 वर्ष बीत जाने के बाद भी इलाके का विकास नहीं हो पाया है। जलभराव की वजह से यहां के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। स्थिति यह है कि लोग अपने रिश्तेदारों को अपने घर बुलाने से कतराते हैं। क्षेत्रीय लोगों ने कई बार औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना और पार्षद दुर्गा प्रसाद गुप्ता से समस्या के निदान के लिए आग्रह कर चुके हैं।

मछरिया जय हिंद चौराहा से मस्जिद को जाने वाली 500 मीटर की सड़क में 400 मीटर तक पानी भरा हुआ है। इस बीच सड़क के दोनों तरफ 40 आवास हैं। यह पानी सिर्फ गमियों में सूखता है। इसके बाद फिर बरसात का पानी सर्दियों तक भरा जाता है। स्थिति यह है कि कोई पैदल पानी से निकल जाये तो पैरों में जलन होने लगती और कीड़े काट लेते हैं। पार्षद दुर्गा प्रसाद ने बताया कि मछरिया चार वार्डों में विभाजित है। इस वजह से मौके पर देखकर ही स्थिति बता पाएंगे। वहीं, नगर निगम जाेन दो के अधिशासी अभियंता वीके सोनी को कई बार फोन किया, लेकिन उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया।

मीटर रीडिंग लेने वाला कर्मचारी भी बोलता है कि बदबू की वजह से क्षेत्र में रूका नहीं जाता। अब दोबारा नहीं आएंगे। गंदगी और जलभराव खत्म करने के लिए जनप्रतिनिधियों से आग्रह कर चुके हैं -रचना गौतम, मछरिया

क्षेत्र में एक सरकारी हैंडपंप लगा हुआ है। 20 वर्षों से सड़क में पानी भरा होने से हैंडपंप का पानी भी दूषित हो गया है। अब सबमर्सिबल पंप ही सहारा है। -मोहम्मद आसिफ, मछरिया

गंदगी और जलभराव की वजह से घर के अंदर और बाहर बैठना मुश्किल हो जाता है। जलभराव की वजह से सांप और केचुआ घर में घुस आते हैं। -सिद्दीका, मछरिया

जलभराव के बीच ही बिजली के पोल भी लगे हुये हैं। कई बार पानी में करंट आ जाता है। पिछले दिनों इससे जानवर मर कर पानी में ही उतराता रहता है। - मालती, मछरिया

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